मर्म चिकित्सा पद्धति से गंभीर रोगों का भी उपचार संभव है: डॅा. दयाशंकर मिश्र दयालु

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मर्म चिकित्सा पद्धति सस्ती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है: डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु

अलीगंज में मर्म चिकित्सा जागरूकता अभियान कार्यक्रम आयोजित

ब्यूरो
लखनऊ। मर्म चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है। बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज मर्म चिकित्सा से हो सकता है। मर्म चिकित्सा पद्धति सुलभ होने के साथ ही सस्ती है और सबसे खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। उक्त उद्गार आयुष राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र दयालु ने धन्वंतरी जयंती के अवसर पर व्यक्त किया। जीवनीय सोसाइटी एवं मृत्युंजय मिशन के तत्वाधान में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज, लखनऊ में आयोजित मर्म चिकित्सा जागरूकता अभियान कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मर्म थिरैपी एक ऐसी पद्धति है जिसमें शरीर में स्थित संवेदनशील बिन्दुओं को दबाने- छोडऩे के माध्यम से रोग ठीक किया जाता है।


श्री दयालु ने कहा कि मर्म चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल रोगों का भी उपचार सम्भव है। सभी के लिये स्वास्थ्य की परिकल्पना मर्म चिकित्सा पद्धति से ही संभव है क्योंकि मर्म चिकित्सा पद्धति में होने वाले खर्च न्यूनतम है। शरीर में बहुत से ऐसे संवेदनशील बिन्दु है जहां चोट लगने से व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है, परन्तु इन्हीं बिन्दुओं से जटिल, सामान्य रोगों का इलाज सम्भव है। इस पद्धति से पोलियो के रोगियों को भी लाभ मिल सकता है।


श्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को जन- जन तक पहुंचा कर लोकप्रिय बनाने की जरूरत है, क्योंकि यह प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ी हुयी है। इस प्रणाली का हर व्यक्ति अमीर से गरीब तक उपयोग में ला सकता है।
इसी क्रम में उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलवति सुनील जोशी ने मर्म चिकित्सा पद्धति के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर आयुर्वेद के चिकित्सक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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