पति ने लगाया ये गंभीर आरोप
मौत के मामले में केस दर्ज
कानपुर देहात के मैथा तहसील मड़ौली गांव में प्रशासन की टीम सोमवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। रिपोर्ट के अनुसार अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई ग्राम समाज (सरकारी) की जमीन पर की जानी थी। यहां पर बने अवैध निर्माण को हटाने का कार्य शुरू होना था। अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को देखते ही महिला और बेटी ने अपने आपको झोपड़ी में कैद कर लिया। कुछ देर बाद वहां आग लग गई। दोनों जल कर खाक हो गए। मौजूद लोग वीडियो बनाते रहे। इसके बाद वहां माहौल गरमा गया। मृत महिला प्रमिला दीक्षित के पति कृष्ण गोपाल और उनके बेटे शिवम ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने झोपड़ी में आग लगा दी।
मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण जुट गए। हंगामा शुरू हो गया। लोगों ने आरोपी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ मौजूद लेखपाल के साथ हाथापाई भी की गई। इसमें वे घायल हुए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडीजी कानपुर जोन आलोक सिंह, एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति और सीनियर अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों और परिवारीजनों को मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। पुलिस की ओर से बताया गया है कि मधौली गांव के निवासी गेदनलाल ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि कृष्ण गोपाल, अंश और शिवम सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए हुए हैं। वहां पर घर का निर्माण कर रहे हैं। 13 जनवरी 2023 को इस शिकायत के आधार पर एसडीएम मैथा में अतिक्रमित जमीन को खाली कराने का आदेश दिया। रेवेन्यू इंस्पेक्टर नंदकिशोर और लेखपाल अशोक सिंह चौहान कृष्ण गोपाल की बनाई झोपड़ी को ध्वस्त कराने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंचे। इसके विरोध में कृष्ण गोपाल, बेटे शिवम और अन्य पारिवारीजन ने इसके खिलाफ मैती स्थित जिला मुख्यालय पर धरना दिया। उनकी मांग थी कि घर गिराए जाने से पहले उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
14 जनवरी को अकबरपुर तहसीलदार रणविजय सिंह ने इस मामले में कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम और बेटी नेहा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें कहा गया कि कृष्ण गोपाल अपने परिवार के साथ सरकारी जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से इसे हटाने का आदेश दिया गया। सोमवार को इसी आदेश के तहत प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की टीम ने गांव में पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान मां और बेटी ने खुद को झोपड़ी में कैद कर लिया। कुछ देर बाद वहां आग लग गई। इसमें दोनों जिंदा जलकर मर गए।