उत्तराखंड में कब लागू होगी समान नागरिक संहिता?

0
426
देहरादून

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति तेजी से कार्य कर रही है। उम्मीद है कि छह महीने के तय समय के भीतर वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। इसके बाद सभी पक्षों से विचार-विमर्श करके समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी सीमाएं दो देशों चीन और नेपाल के साथ लगती है। राज्य एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र भी है। चुनाव से पूर्व भाजपा ने वादा किया था इसलिए नई सरकार के गठन के साथ ही सबसे पहले समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए समिति गठित की गई। जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। मैने खुद भी समिति के साथ बैठक की है। समिति सभी पक्षों से इस मुद्दे पर बात करेगी। बाद में वेबसाइट या जनसंवाद के जरिये लोगों की भी राय ली जाएगी। समिति को छह महीने का समय दिया गया है। उम्मीद है कि तय समय के भीतर वह यह कार्य पूरा करेगी लेकिन यह ऐसा विषय है जिस पर व्यापक विमर्श की जरूरत है इसलिए जरूरत पड़ी तो सरकार समिति को भरपूर समय देगी।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर कार्य करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। इसे लागू करने वाला भी पहला राज्य बनेगा। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद कई अहम बदलाव होंगे। अदालतों में 20 फीसदी मुकदमे प्रत्यक्ष रूप से कम हो जाएंगे।

धामी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के चहुमुखी विकास के लिए कार्य कर रही है। नए उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन बैंक तैयार एकल खिड़की योजना शुरू की गई है। पर्यटन, ऊर्जा, बागवानी, जैविक खेती जैसे परंपरागत क्षेत्रों में निवेश के अलावा रिन्यूबल ऊर्जा, एयरोस्पेस एवं डिफेंस, इलेक्ट्रिक वाहन, जैव प्रौद्यौगिकी आदि क्षेत्रों में नए निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतियों को सरल बनाया गया है। चारधाम मार्ग के पूरी तरह से तैयार होने के बाद धार्मिक पर्यटन में इजाफा होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here