माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा के साथ ही सपा से रिश्तों पर भी बात होगी। गुरुवार को लखनऊ में राष्ट्रपति के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के साथ सपा, रालोद और कांग्रेस की बैठक हुई थी। इसमें सुभासपा को नहीं बुलाने पर राजभर ने नाराजगी जताई थी। यहां तक कहा था कि लगता है अखिलेश को उनकी जरूरत नहीं है।ऐसे में इस बैठक को अहम माना जा रहा है। हालांकि राजभर ने साफ किया कि इस बैठक में केवल संगठन को लेकर चर्चा होने जा रही है। राजभर ने कहा कि पिछले दिनों यूपी को चार जोन में बांटकर पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। आज चारों जोन की समीक्षा हो रही है। जो जो काम दिया गया था, उसकी समीक्षा हो रही है।
यशवंत सिन्हा के साथ बैठक में नहीं बुलाएं जाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि यह बात अखिलेश से पूछनी चाहिए। कहा कि हम समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में हैं। बीजेपी से ताल्लुकात पर राजभर ने कहा कि हमारी ताल्लुकात तो सभी पार्टियों से है। मुख्यमंत्री से भी हमारा ताल्लुकात है।
राजभर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस AC में बैठकर पार्टी चला रहे थे। दोनों के आज एक-एक विधायक हैं। जो भी पार्टी AC से राजनीति करेगी उसका हश्र बसपा और कांग्रेस वाला ही होगा। आज की बैठक में किसी बड़े फैसले के सवाल पर राजभर ने कहा कि यहां ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा जो आप सोच रहे हैं। यहां केवल संगठन पर चर्चा हो रहीहै।