सिस्टम सुधारने निकल पड़े धर्मवीर प्रजापति: बाराबंकी जेल के अधीक्षक सहित तीन कर्मचारियों पर गिरी गाज
मंत्री ने कैदियों को दिखाया अपनत्व,कई कैदियों के छलक पड़े आंसू
मंत्री ने कहा : मुख्यमंत्री के एक फैसले से अब सजा पूरी कर रिहा हो जायेंगे कैदी,नहीं भोगनी पड़ेगी 60 साल की सजा
मंत्री के बोल पर कैदियों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से किया सम्मान
मंत्री के बोल : कैदियों का निवाला डकारने वालों को किसी सूरत में नहीं बख्शेंगे,ये अपराध क्षम्य नहीं है
मंत्री के बोल: यूपी के सभी जेलों का करेंगे औचक निरीक्षण,जांचेंगे खाने की गुणवत्ता
मंत्री के बोल: सुधर जायें अफसर वर्ना रहें निलंबन के लिये तैयार…
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर निकल पड़े हैं कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार मंत्री धर्मवीर प्रजापति। जीरो टॉलरेंस की नीतियों को ना मानने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में दिख रहे हैं मंत्री। बाराबंकी जेल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री ने कैदियों को मिलने वाले खाना को खुद खाया और जेेल अधिकारियों को भी खिलाया। मंत्री की निगाहों ने जेल में कैदियों को दिये जाने वाले खाने में घोटाले की बू को पकड़ लिया। रोटी के वेट में कमी मिलने के साथ ही पनियल्ला दाल ने उनका पारा गरम कर दिया। उन्होंने आज बाराबंकी जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह,उप-कारापाल आशुतोष मिश्रा, जेल वार्डर राजेश भारती एवं सुरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
कारागार एवं होमगार्ड राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने आज बाराबंकी जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण किया और इस मौके पर कैदियों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच की। मंत्री ने सभी जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को बैरेके से बाहर कर दिया और खुद कैदियों के बीच पहुंच गये। उन्होंने कैदियों का हाल-चाल पूछा और सवाल किया कि क्या आपलोगों को अपने परिवार की याद नहीं सताती ? क्या आपलोग नहीं चाहते की आपलोग अपनी सजा पूरी करने के बाद अपने-अपने घर को जायें ? एक मंत्री द्वारा अपनत्व का भाव देख-सुन वहां पर कई कैदियों की आंखें नम हो गयी। कईयों ने कहा कि साहेब,पहली बार जेल में कोई मंत्री आकर हमलोगों से बात की…। वर्ना हम कैदियों को कौन पूछता है…। उसके बाद कैदियों ने मंत्री की सराहना करते हुये बताया कि जब से जेल में गायत्री मंत्र का जाप हो रहा है हमलोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है और अपने किये कर्मों पर अफसोस हो रहा है। उसके बाद कैदियों ने ताली बजाकर माननीय को आभार व्यक्त किया। इस पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जब बताया कि आपलोगों को मालूम है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक फैसला आपलोगों के लिये लिया है,उसकी जानकारी आपलोगों को है ? कुछ को छोड़ सभी कैदियों ने ना में सिर हिलाया…। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुराने शासनादेश में बहुत बड़ा बदलाव किया है। फैसला लिया है कि सजा पूरी करने वाले जेल की सलाखों में बंद बंदियों को रिहा किया जायेगा। उन्हें अब सजा पूरी करने के बाद 60 वर्ष तक जेल में नहीं रहना पड़ेगा। इतना सुनते ही जेल कैदियों की ताली से गुंजायमान हो गया। उसके बाद मंत्री खाने के लिये लाइन में लगे कैदियों के पास गये। कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन को खुद खाया और जेल अधिकारियों को भी खिलाया। खाने की गुणवत्ता सही ना होने पर उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाते हुये उसमें सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने जेल एवं पाकशाला की व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आदेश देते हुये अधीक्षक कारागार, बाराबंकी हरिबक्श सिंह, उप-कारापाल आशुतोष मिश्रा, जेल वार्डर राजेश भारती एवं सुरेश कुमार को निलंबित किये जाने का आदेश दिया।
धर्मवीर प्रजापति ने अपर मुख्य सचिव, गृह एवं आई.जी. जेल को निर्देश दिये कि प्रदेश की सभी जेलों में सजायाफ्ता कैदियों को निर्धारित मानक के अनुसार भोजन दिया जाये। इसी प्रकार प्रदेश के अन्य जेलों का भी निरीक्षण किया जायेगा और खाद्य सामग्री अधोमानक पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार जब कैदियों के खाने के लिये पैसा दे रहा है तो जेल के अधिकारी क्यों उसमें कटौती कर रहे हैं? कैदी भी तो किसी के बेटे या भाई होंगे…। अधिकारियेां को शर्म नहीं आती कैदियों के हक के निवाले को भी डकार जाते हैं? अब मैं प्रदेश के सभी जेलों में बारी-बारी से औचक निरीक्षण कर,सच्चाई देखने का काम करुंगा कि जेल अधिकारी कैदियों को भरपेट खाना खिला रहे हैं या नहीं? बहरहाल, जेल मीनिस्टर के इस तेवर से प्रदेश भर के जेलों में इस बार माफिया या कैदी नहीं बल्कि जेल के अफसरानों की हालत पतली दिख रही है।