धर्मवीर प्रजापति ने जेल अफसरों को कहा : बंदियों को प्रशिक्षण देकर बनायें स्वावलंबी

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जेल मीनिस्टर धर्मवीर प्रजापति का आध्यात्मिक रुप: जेल में बंदियों को प्रवचन,प्रार्थना और आध्यात्मिकता से सुधारें  

मंत्री बनने के बाद पहली बार जेल मुख्यालय पर धर्मवीर प्रजापति ने अफसरों के साथ की समीक्षा बैठक

      अक्षत श्री.

लखनऊ। जेल वो जगह है,जहां हर तरह के जुर्म को करने वाले सजा काटते हैं। किसी की मजबूरी होती है तो कोई अपराध की दुनिया में सिक्का जमाने के लिये हर तरह के अपराध को अंजाम देता है लेकिन इन्हें सुधारा जा सकता है। इसके लिये जेलों में बंद कैदियों को हर दिन अल-सुबह प्रवचन, प्रार्थना और आध्यात्मिकता के कैसेट सुनाया जाये। मुझे विश्वास है कि ऐसा करने से उनके अंदर से बुराईयां खुद-ब-खुद खत्म हो जायेगी और इसके अलावा बंदियों को विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण दिलाया जाये ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। यह उदगार खुद कारागार राज्य मंत्री,स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने आज कारागार मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि कोशिश रहे की जेलों में परिजनों से अधिकांश मुलाकात व्यवस्था ऑनलाइन हो और पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हो, किसी को कोई शिकायत न हो। कहा कि कारागारों में अतिशीघ्र प्लास्टिक के प्रचलन को समाप्त करने की दिशा में प्रयास किया जाये। विभाग में पारदर्शिता लाने तथा जन सामान्य को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश भी दिया।


इसी क्रम में कारागार राज्य मंत्री सुरेश कुमार राही जी ने जेल अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि जेलों में ओवर क्राउडिंग से निपटने के लिये जेल अधीक्षक संबंधित जिलों के जिला जज व न्यायिक अधिकारियों से निरंतर वार्ता और समन्वय स्थापित करके छोटे -छोटे अपराधों में कारागारों में निरुद्ध बंदियों को छुड़ाने के लिये कम से कम माह में एक बार अवश्य प्रयास करें।

मंत्री के संबोधन के बाद डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि विगत में कारागार विभाग की छवि जनसामान्य में अच्छी नहीं थी। जेलों में बंदी मोबाइल का प्रयोग कर रहे थे और मना करने पर जेल अधिकारियों को यह धमकी देते थे कि जेल से वीडियो वायरल करके फंसा दूंगा किंतु आज ऐसे बंदियों पर कठोर कार्रवाई की गयी है। जेल अधिकारियों को संबल प्रदान करते हुये कर्तव्य पालन में निडर होकर काम करने में सहयोग प्रदान किया गया है परिणाम स्वरूप आज जेलों से वीडियो वायरल होने की घटनाएं लगभग खत्म हो गयी है। जेलों में शांति बनी हुयी है और कारागार विभाग की छवि जनमानस में सुधर कर सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि कारागार मुख्यालय से प्रत्येक जेल की लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है, इसका जेल प्रबंधन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। डीजी जेल ने बंदियों और उनके परिजनों द्वारा निरंतर की जा रही इस मांग से मंत्री को अवगत कराया कि कोविड पाबंदियां सभी सार्वजनिक स्थानों पर समाप्त कर दी गयी है किंतु जेलों में अभी भी हफ्ते में सिर्फ एक मुलाकात की इजाजत है। ऐसे में बंदियों में अवसाद उत्पन्न हो रहा है और वे पूर्व की भांति सप्ताह में तीन मुलाकात करने की छूट दिये जाने की निरंतर मांग कर रहे हैं। इस पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने विचार करने का आश्वासन दिया।

इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कारागार विभाग के 100 दिन के लक्ष्यों में कारागार विभाग की अधिकांश प्रमुख समस्याओं को प्रमुखता और प्राथमिकता से शामिल करने का निर्देश दिया।
कारागार मुख्यालय के सभागार में आयोतित समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री सुरेश कुमार राही, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, डीजी जेल आनंद कुमार, उप-महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय शैलेंद्र मैत्रेय , पुलिस उप-महानिरीक्षक कानपुर रेंज रविशंकर, छवि पुलिस उप-महानिरीक्षक कारागार संजीव त्रिपाठी सहित प्रदेश प्रदेश की विभिन्न जेलों में तैनात सभी वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेल अधीक्षक ,जेलर उपस्थित रहें।

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