डीजी की दरियादिली से एक माह में तीन बार गायब होकर अफसर ने बनाया आचार संहिता तोडऩे का रिकार्ड
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तैनात डीजी विजय कुमार का एक चहेता प्रमोटी अधिकारी ने एक माह में तीन बार डयूटी छोडक़र गायब होने का अनूठा रिकार्ड कायम किया है। उसने साबित कर दिया कि उसके लिये आदर्श आचार संहिता कोई मायने नहीं रखता। साबित होता है कि वो अधिकारी वाकई डीजी का दुलारा है तभी तो उसे ना आदर्श आचार संहिता का भय है और ना ही शासन की…। बात जो भी हो,ऐसे जांबाज अधिकारी को तो यूपी सरकार की तरफ से 100 तोपों की सलामी देनी चाहिये। अब बता देता हूं वो साहेबान हैं कौन…। जी हां,नाम जी.सी.कटियार है और वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित रामनगर होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट के पद पर तैनात हैं। ट्रेनिंग सेंटर में कर्मचारी और जवान चकल्लस लेते हुये कह रहे हैं कि भईया साहेब के लिये कउनो नियम कानून मायने नाही राखे ला…। डीजी के भरपूर आशिर्वाद मिलेला एहीले चुनाव के सीजन में कटियार साहेब तीन बार बिना बतईले घरे चल गईलन…। अब नेतन के बतावे के जरुरत नाही बा की यूपी में का बा ?
बता दें कि आदर्श आचार संहिता लागू होने क बाद से रामनगर होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में तैनात प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार गत 4 फरवरी से 8 फरवरी तक बिना अपने वरिष्ठï अधिकारियों को सूचना दिये अवकाश पर चले गये थे। इसी तरह 13 फरवरी को दूसरी बार और अब 25 फरवरी से बिना बताये गायब हो गये हैं। ट्रेनिंग सेंटर के कर्मचारी सकते में हैं कि आखिर साहेब बिना किसी को बताये कहांं चले जाते हैं। जवानों के बीच कटियार साहेब खूब चर्चा में है। कोई कहता है कि कटियार साहेब डीजी विजय कुमार के बहुत करीबी हैं। कोई कहता है कटियार साहेब हमेशा कहते हैं कि मुख्यालय डीजी साहेब खास काम से बुलाये हैं। भईया ये खास काम क्या है? चर्चा में है। खैर,सबसे अहम सवाल यह कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की गरमी से पूरी तरह गरमाया हुआ है। आचार संहिता का मामूली उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग कठोर कार्रवाई भी कर रही है,फिर होमगार्ड विभाग के गैर जिम्मेदार और आदर्श आचार संहिता को मजाक बनाने वाले जी.सी.कटियार पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता? क्या होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने पूरी तरह से बेहयाई अपना रखा है जो आदर्श आचार संहिता का एक माह में तीन बार उल्लंघन करने, वो भी जिसकी तैनाती प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हो,के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
आदर्श आचार संहिता के नियमावली की बात करें तो आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी प्रकार का अवकाश देय नहीं है तो फिर किस आधार पर और किस नियमावली के तहत प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट गिरीश चंद्र कटियार 13 फरवरी से अब तक गायब हैं। आखिर किस काम के लिये अवकाश लेकर भागे हैें। कायदे से इनके सीडीआर की जांच करायी जानी चाहिये। बताया जाता है कि गिरीश चंद्र कटियार इसी फरवरी माह में 4 फरवरी से 8 फरवरी तक बिना किसी को सूचना दिये गायब थे। डीजी साहेब क्या ये आपके चहेते कटियार आचार संहिता की अवहेलना नहीं कर रहे हैं ? यदि कर रहे हैं तो क्या कार्रवाई करेंगे ?