यूपी सहित पांचों चुनावी राज्यों में चुनाव: महामारी के साथ ही चुनावों में जाना होगा !

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जिसका डर था वही हुआ : यूपी सहित पांचों चुनावी राज्यों में तेजी से फैल रहा कोरोना

यूपी में एक हफ्ते में 1700 से 34 हजार केस हुये एक्टिव

पंजाब में एक्टिव केस 14 गुना बढ़ा

इन्फेक्शन रेट में तेजी से हो रहा है इजाफा

गोवा में इन्फेक्शन रेट डराने वाला है

उत्तराखण्ड वैक्सिनेशन रेट बेहतर,फिरभी एक्टिव केस बढ़े हैं

मणिपुर में एक हफ्ते में एक्टिव केस दो गुना हुये

ये चुनाव कोरोना के लिये सुपर स्प्रेडर साबित होगा

          अनिल शर्मा

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इन राज्यों में चुनावी बिसात के साथ कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे इन राज्यों में स्थिति खतरनाक हो रही है। यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में एक्टिव केस की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते अगले महीने होने वाले चुनाव के लिये चुनाव आयोग ने रैलियों को लेकर कई तरह की सख्त पाबंदियां लगायी है। यूपी में विधानसभा चुनावों के बीच एक्टिव केस में तेजी से उछाल देखने को मिला है। पिछले एक हफ्ते में एक्टिव केस 20 गुना तक बढ़ चुके हैं। 2 जनवरी को कोरोना के एक्टिव केस 1725 थे, जबकि 10 जनवरी को यह बढक़र 33,946 हो गया। हालांकि, इन्फेक्शन रेट में कमी थोड़ा सुकून देनी वाली है। राज्य में इन्फेक्शन रेट 4.13  फिसदी सदी ही है। वहीं दूसरी चिंता की बात वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर है। राज्य में अभी तक सिर्फ 53 फ ीसदी आबादी को ही दोनों डोज लगी है।

वहीं, विधानसभा चुनाव के ऐलान के बीच पंजाब में कोरोना के एक्टिव केस में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले सात दिनों में यहां एक्टिव केस में 14 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुक़ी है। राज्य में दो जनवरी को 1369 एक्टिव केस थे, वहीं 10 जनवरी को यह संख्या बढक़र 19,379 हो गई। इस दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट पर जाने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। शुरुआत में 33 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे जबकि अब यह संख्या 254 हो गयी है। कोरोना के 10 मरीज वेंटिलेटर पर भी हैं। राज्य में इन्फेक्शन रेट भी अब बढक़र 23.72 फ ीसदी हो गया है। कुल जांच में संक्रमित मिले व्यक्तियों की संख्या ही इन्फेक्शन रेट कहते हैं। यह बताता है कि राज्य में कोरोना के केस कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य की स्थित इसलिये भी चिंताजनक है क्योंकि यहां दोनों टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या देश में सबसे कम है।

गोवा में कोरोना इन्फेक्शन रेट चिंताजनक स्तर से काफ ी ज्यादा है। जिससे यहां संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य में अभी इन्फेक्शन रेट 27.38 फ ीसदी है। राष्ट्रीय औसत से ज्यादा वैक्सीनेशन से होने से राज्य में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या अभी भी कम है। पांच चुनावी राज्यों में गोवा कम्पलीट वैक्सीनेशन के मामले में सबसे आगे है। यहां अब तक 96 फ ीसदी वयस्क आबादी को टीके की दोनों डोज लग चुकी है।

थोड़ा राहत देने वाली खबर है कि उत्तराखंड में भी कोरोना के एक्टिव केस में तेजी जारी है। एक हफ्ते में ही यहां एक्टिव केस में 10 गुना की बढ़ोतरी हुयी है। 2 जनवरी को एक्टिव केस 506 थे जो 10 जनवरी को बढक़र 5009 हो गये। यह स्थिति तब है जब राज्य में 85 फिसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है, जबकि राज्य में इन्फेक्शन रेट 7.57 फिसदी है।

मणिपुर में अन्य चार राज्यों के मुकाबले कोरोना के मामले काबू में हैं। कम वैक्सीनेशन के बावजूद यहां इन्फेक्शन रेट सिर्फ 4.14 फिसदी है। वहीं एक्टिव केस की संख्या में भी एक हफ्ते में मात्र दो गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है। दो जनवरी को राज्य में मात्र 215 एक्टिव केस थे जो 10 जनवरी को 438 हो गये हैं।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने रैली और रोड शो पर 15 जनवरी तक रोक लगा दी है। ऐस में सवाल यह है कि बिना रैली और रोड शो के चुनाव कैसे होगा। निर्वाना बीईंग के संस्थापक और सीईओ जय धर गुप्ता कहते हैं कि ऐसे देश में जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना चुनौती है। इसके साथ ही मास्क और वेंटिलेशन को लेकर भी जागरुकता नहीं है। साथ ही सीक्वेंसिंग और जांच की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यह विधानसभा चुनाव इन राज्यों में कोरोना को सुपर स्प्रेडर इवेंट ही साबित होगा।

महामारी के साथ ही चुनावों में जाना होगा हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि हमें महामारी के साथ ही चुनाव में जाना होगा। वायरोलॉजिस्ट डॉ. चंद्रकांत लहरिया कहते हैं कि हम दो वर्ष से महामारी के साथ रह रहे हैं। साथ ही भविष्य का भी कुछ पता नहीं है। ऐसे में हम कब तक इन चीजों से दूर भागेंगे। ऐसे में हम चुनावों को टाल नहीं सकते हैं। हमारे सामने इस कोरोना महामारी के दौरान स्कूल खोलने और बंद करने का बड़ा ही खराब अनुभव रहा है। इसलिये हमें महामारी में चुनावों के साथ ही आगे बढऩा होगा।

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