कासगंज संगीनों के साए में निकली दलित युवक की बारात, निगरानी में लगे 150 पुलिसकर्मी

कासगंज – उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज के निजामपुर में 150 से अधिक पुलिस कर्मियों की निगरानी में हुई एक अनोखी शादी। इस शादी को शांति पूर्ण ढंग से कराने के लिए जिले की पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। शादी में निर्धारित रूट पर भारी पुलिस बल की निगरानी रही जिससे शांति से बारात निकली, बारात में बैरियर लगाकर पुलिस ने शस्त्र और शराबियों पर पैनी नजर रखी।

दरअसल संजय जाटव की शादी कासगंज के निजामपुर गांव की शीतल से 20 अप्रैल को ही होनी तय थी लेकिन आरोप है कि शादी से पहले ही गांव के दबंगों ने घोड़ी पर गांव में दलित की बारात निकालने का विरोध किया और धमकी दी कि घोड़ी पर बारात लेकर दलित नहीं जाएगा।

जिसके बाद वह प्रशासन के पास गया और प्रशासन ने दोनी पक्षों से बातचीत कर संगीनों के साए में यहां शादी कराई। संजय के मुताबिक करीब दस-बारह साल पहले मेरे ताऊ के लड़के की शादी इसी गांव में हुई थी लेकिन दबंगों ने घोड़ी पर बरात नहीं जाने दी थी। मेरी शादी यहां तय हुई तो मैंने घोड़ी पर जाने की बात रखी, जिसका फिर गांव के दबंगों ने विरोध कर धमकी दी लेकिन इस बार प्रशासन ने मदद की जिसके चलते संजय भारी सुरक्षा के बीच घोड़ी पर बारात लेकर निकला। बाकायदा बैंड-बाजा और सैकड़ों की तादाद में बाराती लेकर संजय जाटव शीतल से शादी करने पहुंचे। शादी में विधायक और कई क्षेत्रीय नेता भी शामिल थे, एएसपी, एडीएम, तमाम सी.ओ. सहित करीब 200 पुलिस कर्मियों के संगीन के साए में ये शादी हुई। 20 अप्रैल को जब शादी की तिथि तय की गई थी, तब लड़की की उम्र 18 से कम थी जो अब बालिग़ हो गई है।

बता दें कि गांव में 80 बर्ष बाद किसी दलित दूल्हे की बारात चढ़ी है, तो वही गांव व क्षेत्रीय दलित लोग व दलित दूल्हा संजय, और दुल्हन शीतल बहुत खुश नजर आ रहे थे कियोकि उसका दूल्हा संजय जाटव उसकी हसरतें पूरी करते हुए घोड़ी पर चढ़के उसके गांव मे बारात की चढ़ाई की। किसी तरह का कोई विवाद ना हो, इसके लिए पुलिस ने कई तरह की शर्तें रखी थीं, जिसमे बारात में असलहे और शराब न होने की बात थी. साथ ही एक रूट तैयार किया था जिससे होकर ही बारात को गांव में से निकलना था, बारात शांति से निपट जाने के बाद जिला प्रशासन ने भी चैन की सांस ली।

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