प्रत्येक आदमी तक न्यूनतम मूल्य पर बिजली पहुचाने के लिये वो न केवल प्रतिबद्ध ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा

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 डॉ.अजय मिश्रा

लखनऊ। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में महज सात महीने की अवधि अब शेष है। हालिया विधानसभा चुनाव परिणाम ने केंद्र सरकार को पुन: उत्तर प्रदेश पर गहराई से फोकस करने हेतु सजग किया है, क्योंकि देश की सत्ता की चाभी उत्तर प्रदेश की सहमति के बिना संभव नहीं है। सर्वाधिक लोकसभा सीट 80 उत्तर प्रदेश में ही है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रदेश में लागू करने में उत्तर प्रदेश सरकार अव्वल भी रहा है, पर यदि यहां की आम जनता की आवश्यकताओं को मूल्यांकित कर प्राथमिक आवश्यकताओं का चुनाव करना हो तो बिजली की आपूर्ति महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। रोजगार, स्व-रोजगार सभी की धूरी बिजली पर निर्भर करती है। ऐसे में ऊर्जा मंत्री की भूमिका अति महत्वपूर्ण रूप से निकलकर सामने आती है, जिन्होंने महज एक वर्ष के कार्यकाल में अपने निर्णय से यह सुनिश्चित कर दिया है की प्रत्येक आदमी तक न्यूनतम मूल्य पर बिजली पहुचाने के लिये वो न केवल प्रतिबद्ध हैं बल्कि लगातार बिना रुके, बिना थके काम कर रहे हैं। इनकी प्रतिबद्धता को प्रमाणित सिर्फ एक तथ्य और आकड़ों से भी किया जा सकता है की यू.पी. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव ऊर्जा के लिये आये हैं। उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग में भारी वृद्धि की पूर्ति के लिये ऊर्जा मंत्री ने जिस संजीदगी से कार्य किया है वह वास्तव में सराहनीय है । सीमित अवधि में एक दो नहीं बल्कि अनेकों जन-उपयोगी निर्णय लेकर सभी के हितों की रक्षा कर रहे हैं।

 

यह सर्वविदित है की बिजली की मांग और पूर्ति की समस्याएं उत्तर प्रदेश में दशकों से विभिन्न सरकारों के कार्यकाल में रही है। पर ठोस रणनीति बनाकर ऊर्जा मंत्री के अब तक के किये गये काम यह सुनिश्चित कर रहें है की जनता उनसे जुडऩे लगी है और किये गये कार्यो से प्रभावी भी है। इसका सकरात्मक परिणाम हालिया नगर निकाय चुनाव में भी दिखा है और लोकसभा 2024 के चुनाव में अत्यंत महत्वपूर्ण रूप में सामने दिखेगा। खास कर किसानों के लिये किये गये काम न केवल उपयोगी है बल्कि चर्चा का विषय भी है। किये गये कार्यो में से महत्वपूर्ण पर चर्चा करना यहां जरुरी है। बिजली की आपूर्ति में व्यापक सुधार करते हुये यह सुनिश्चित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे, तहसील मुख्यालय को 20 से 22 घंटे तथा जिला मुख्यालय को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति हो। 1,21,324 मजरों का विद्युतिकरण का काम पूरा किया गया है तथा 1 करोड़ 58 लाख घरों का विद्युत संयोजन किया गया है। 33-11 के.वी. के 749 नये विद्युत उपकेन्द्र की न केवल स्थापना की गयी है बल्कि 1503 विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता में वृद्धि भी की गयी है । 1931 गाँवों, मजरों, जिनकी आबादी 1000 से अधिक है में 26,805 कि.मी. ए.बी. केबल लगाये गये हैं । 8.60 लाख उपभोक्ताओं के यहां बिजली मीटर लगाये गये, जिनके यहां पहले बिजली मीटर नही थे, कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 30,462 मेगावाट किया गया है। स्मार्ट मीटरिंग एवं विद्युत तंत्र के आधुनिकीकरण के लिये रिावैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम चलायी जा रही है। निजी नलकूप कनेक्शन देने में डार्क जोन में वर्षो से लगा प्रतिबंध समाप्त कर के किसानों को बढ़़ा लाभ दिया गया है इससे एक लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों की आय में वृद्धि करने के लिये निजी नलकूपों के बिजली बिलों में शत- प्रतिशत की छूट प्रदान करना एक बड़ा साहसिक कदम है।

खराब ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में बदलने की अनिवार्यता आम लोगों के हितों में है। 2,10,436 निजी नलकूपों का सयोजन किया गया है, किसानों के लिये अलग से 2390 ग्रामीण विद्युत फ ीडर बनाये गये हैं, निजी पूंजी निवेश से 2035 मेगावाट क्षमता की तथा रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट की 256 मेगावाट क्षमता की शौर्य परियोजनाओं की स्थापना की गयी है। इसी तरह, सार्वजनिक रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था हेतु 21,197 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रो की स्थापना की गयी है, कंप्रेस्ड बायों गैस प्लांट, बायो कोल, बायो डीजल, बायो एथेनाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है, सौभाग्य योजना चलाकर सोलर पॉवर पैक संयंत्रो की स्थापना पर बल दिया जा रहा है। अभी तक 53,354 की स्थापना की जा चुकी है,नये बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के लिये झटपट पोर्टल के जरिये आवेदन प्राप्त कर त्वरित गति से कम से कम समय में नया कनेक्शन प्राप्त करना है। अल्पकालीन त्वरित निर्णय जिनके आधार पर कहा जा सकता है की ऊर्जा विभाग में न केवल व्यापक बदलाव के साथ बड़े परिवर्तन हुये हैं बल्कि परिणाम भी सामने आना शुरू हो गया है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सामूहिक रूप से नीति बनाकर वर्ष 2024- 25 तक वितरण हानियों को कम करना, लॉस रिडक्शन, हर घर स्मार्ट मीटर को पहुचाना एवं विद्युत् तंत्र को आधुनिकीकरण करना निर्धारित लक्ष्य है, जिन पर तेजी से काम हो रहा है। इन कार्यों के लिये कुल रुपया 54,300.29 करोड़ धनराशी की आवश्यकता है जिनमे से 35,384.09 करोड़ धनराशि की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, शेष धनराशी की स्वीकृति किसी भी समय प्राप्त हो सकती है। विद्युत विभाग में दिसम्बर 2022 तक कुल 96.77 लाख शिकायतों का निस्तारण किया गया है जबकिविद्युत समाधान सप्ताह में 1.46 लाख शिकायतों का निस्तारण किया गया है। सम्भव पोर्टल पर 1,04,510 शिकायतों का समाधान किया गया है ।

 

बिजली की कुल उत्पादन क्षमता में व्यापक सुधार करते हुये उत्पादन को 30,462 मेगावाट तक पहुंचाया गया है तथा वृद्धि हेतु कई काम चल रहे हैं। सभी को 24-7 बिजली आपूर्ति के लिये प्रदेश में 13 तापीय परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है । 765, 400, 220, 132 के.वी.उपकेन्द्रों का निर्माण कई जिलों में कराया गया है जो वर्षो से अति आवश्यक थे। यू.पी. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में सर्वाधिक प्रस्ताव रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में कुल 385 एम.ओ.यू. के माध्यम से 6.33 लाख करोड़ का प्राप्त हुआ है। सौर्य ऊर्जा नीति 2022 में 22,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन हेतु लक्ष्य बनाकर काम किया जा रहा है। इसी तरह, बायो ऊर्जा नीति 2022 के जरिये लक्ष्य निर्धारित करके काम किया जा रहा है साथ ही निर्धारित लक्ष्यों की मोनिटरिंग और सफल संचालन के जरिये उद्देश्य प्राप्ति हेतु विभाग में अलग-अलग पदों पर कुल 892 लोगों की नियुक्ति की गयी है। ऊर्जा मंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में बिजली के लिये किये जा रहें कार्यों के आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा की आम आदमी का जीवन न केवल बेहतर हो रहा है बल्कि दूरगामी रणनीति बनाना यह सुनिश्चित कर देगा की बिजली की समस्या जड़ से समाप्त हो जायेगी। जिसका सीधा श्रेय नेतृत्व करता ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा को जाता है। आम जनता के जीवन की महत्वपूर्ण धूरी बिजली है फि र चाहे घर हो या बाहर, रोजगार हो या स्व- रोजगार, शिक्षा और तकनीकी, सभी से जुड़े रहने में महत्वपूर्ण कड़ी बिजली है। इसकी पूर्ति होने पर जनता का लगाव सीधे सरकार से होता है और परिणाम चुनाव में सकारात्मक रूप में दिखते हंै। देश की केंद्र सरकार का सहयोग ऊर्जा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के लिये महत्वपूर्ण है। अभी तक किये गये प्रयासों से परिणाम सामने दिख रहा है और जनता का सहयोग भी सरकार के प्रति प्रदर्शित हो रहा है। उत्तर प्रदेश में विभिन्न मंत्रियों और विभागों द्वारा किये गये कार्यो के साथ-साथ ऊर्जा विभाग अपने महत्वपूर्ण भूमिका से अहम् रोल आगामी चुनाव में निभाने को तैयार है । अब जरुरत है तो बस अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हो कर लगातार निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की।


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