बृजभूषण बोले : लोकसभा चुनाव कैसरगंज से ही लड़ूंगा

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गोंडा । महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष एवं कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण ने रविवार को यहां दावा किया कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव कैसरगंज से ही लड़ेंगे।

मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर गोंडा स्थित रघुराजशरण सिंह महाविद्यालय में सुशासन रैली में भीड़ जुटाकर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई। हालांकि रैली में अपने ऊपर लगे आरोपों पर खुलकर कुछ नहीं बोले, मगर शेर-ओ-शायरी के जरिए बहुत कुछ कहा।बोले- ”कभी अश्क, कभी गम तो कभी जहर पिया जाता है, तब जाकर जमाने में जिया जाता है। यह मिला मुझको मोहब्बत का सिला, बेवफा कहकर मुझको याद किया जाता है। इसको रुसवाई कहें या शोहरत अपनी, दबे होठों से मेरा नाम लिया जाता है।”

सांसद से पत्रकारों ने जब सवाल किया कि लोकसभा चुनाव गोंडा से लड़ेंगे या अयोध्या से। इस पर उन्होंने कहा कि कैसरगंज से लड़ूंगा, लड़ूंगा, लड़ूंगा। वहीं रैली को संबोधित करते हुए बृजभूषण शरण ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।कहा कि आजादी की प्रक्रिया में बंटवारे का घाव मिला, बंटवारे से उबरे ही थे कि पाकिस्तान ने कबाइली के रूप में हमला कर दिया। हमारे देश की 78 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है, जो कांग्रेस की सरकार में हुआ जब पं. जवाहरलाल नेहरू पीएम थे।

उन्होंने कहा कि 1962 में चीन ने हमला किया और 33 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन उसके कब्जे में है। 1971 में 92 हजार पाकिस्तान के सैनिकों को हमारे देश ने बंदी बनाया था, लेकिन अगर मजबूत भारत होता तो पाकिस्तान से हमारी जमीन वापस हो गई होती।सांसद ने कहा कि 1975 में जब आपातकाल लगा और लोकतंत्र की हत्या हुई तो गोंडा से जेल जाने वालों में मैं भी शामिल था। 1984 में सिखों का कत्लेआम भी कांग्रेस के शासनकाल में हुआ। रामजन्मभूमि मामले में फैसला रोकने के लिए कांग्रेस ने वकीलों की फौज खड़ी की, आतंकियों की फांसी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का ताला खुलवाया गया।

पुलवामा में सैनिकों की हत्या के बाद सर्जिकल और एयरस्ट्राइक हुई तब कांग्रेस ने सुबूत मांगे। कोविड की वैक्सीन बनाने के दौरान भी इन्होंने सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि परिवार के हित के लिए मुखिया, जिले के हित के लिए नेता व देश के हित के लिए सबको कुर्बानी देनी पड़ती है। अंत में उन्होंने कहा कि होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा।

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