संसद में काम नहीं होने देना चाहते राजनीतिक दल
नियमों के दायरे में काम करने की जरूरत
नई दिल्ली। अदाणी समूह को लेकर विपक्ष के संसद में भारी हंगामे के बीच उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद चर्चा करने की जगह है, व्यवधान उत्पन्न करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का ध्रुव तारा है। यही लोकतंत्र का मूल तत्व है।
राज्यसभा के सभापति ने शुक्रवार को सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में हमें नियमों के दायरे में काम करने की जरूरत है। यह व्यवधान की नहीं, चर्चा और तर्क-वितर्क की जगह है। इससे लोगों की प्रेरणा और सपने साकार होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा स्थगित होने के चलते जगदीप धनखड़ ने सदन में सदस्यों से अपना निर्धारित कामकाज जारी रखने को कहा। हालांकि विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसी तरह संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के बार-बार सदन की कार्यवाही बाधित करने पर कहा कि राजनीतिक दल संसद में कामकाज होने ही नहीं देना चाहते हैं। विगत दिवस भी हम राष्ट्रपति के संबोधन में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन जमकर हंगामा हुआ। जबकि चर्चा के समय बोलने की कोई मनाही नहीं है। लेकिन वह संभवत: संसद में कामकाज ही नहीं होने देना चाहते हैं। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह संसद की कार्यवाही को बाधित नहीं करें। वहीं, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार और अदाणी के शेयर प्रकरण से कोई भी संबंध होने से इन्कार किया। इसका राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।