जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन
काठमांडू से 10.33 बजे भरी थी उड़ान
पोखरा नहीं जाएंगे नेपाल के पीएम और गृह मंत्री
क्या मौसम की खराबी की वजह से दुर्घटना हुई ?
नेपाल। नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर काठमांडू से आ रहा 72 सीटों वाला यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में अब तक 68 लोगों की जान जा चुकी है। बचाव कार्य जारी है। फिलहाल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। हादसे की वजह का अब तक पता नहीं चल सका है। विमान में कुल 10 विदेशी नागरिक भी शामिल थे, जिनमें पांच भारत के थे। इनमें से किसी के भी बचने की खबर नहीं है।हादसे की जानकारी देते हुए यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने बताया कि यति (Yeti) एयरलाइंस के विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। इसमें दो बच्चों समेत 15 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। विमान पुराने हवाई अड्डे और पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
नेपाल की स्थानीय मीडिया की मानें तो हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में 42 लोगों के शव बरामद किए जाने का दावा किया जा रहा है। वहीं, कुछ 35 मौतों की सूचना दे रही हैं। हालांकि, एयरलाइंस और सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।पोखरा हवाई अड्डे पर यात्री विमान दुर्घटना के बाद नेपाल सरकार ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री पुष्प कल दहल ‘प्रचंड’ ने बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे दिए हैं। सेना ने भी मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है।
भारत में नेपाल के राजदूत शंकर शर्मा ने कहा कि पोखरा में कुछ भारतीयों सहित 72 लोगों और चालक दल के सदस्यों को ले जा रहे एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से गहरा दुख हुआ। हम मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। हमारे विचार और प्रार्थना इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।जानकारी के मुताबिक, विमान पहाड़ी से टकरा गया। लैंडिंग से पहले हुई इस दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई। पोखरा के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुआ यात्री विमान ATR-72 यति एयरलाइंस का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में दुर्घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है। हेलीकॉप्टर से दुर्घटनास्थल पर एक बचाव दल तैनात किया गया है।
हादसा बेहद भयानक बताया जा रहा है। बचाव और राहत में जुटे लोगों की मानें तो हादसे में किसी के भी बचने की उम्मीद न के बराबर है। सिविल एविएशन अथॉरिटी ने बताया कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें देखी गईं। इसलिए मौसम की खराबी की वजह से दुर्घटना होने की बात कहना ठीक नहीं होगा।भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नेपाल के हादसे पर दुख जताया। उन्होंने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।विमान को कैप्टन कमल केसी और असिस्टेंट कैप्टन अंजू खातीवाड़ा उड़ा रहे थे। नेपाल का विमानन दुर्घटनाओं का एक भयानक रिकॉर्ड रहा है। इसकी वजह आंशिक रूप से इसके अचानक मौसम परिवर्तन और दुर्गम चट्टानी इलाकों में स्थित हवाई पट्टियां हैं।
पोखरा हवाई अड्डे के नवीनीकरण के बाद प्रधानमंत्री ने एक जनवरी को ही इसका उद्झााटन किया था। हवाईअड्डे को चीन की मदद से तैयार किया गया था। बताया जा रहा है कि जो विमान हादसे का शिकार हुआ है, उद्घाटन के वक्त उसी विमान का डेमो फ्लाई किया गया था।इससे पहले पिछले साल मई के महीने में खराब मौसम की वजह से पहाड़ी मस्तंग जिले में तारा एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खराब मौसम की वजह से विमान बाएं के बजाए दाएं मुड़ गया था। इससे विमान पहाड़ों से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।