मंत्री एक, रूप अनेक : मकर संक्रांति में मंत्री,अभिभावक और संत के रुप में कैदियों से मिले धर्मवीर प्रजापति
आपकी गल्ती से आपका पूरा परिवार कठिनाई में जी रहा है,भावुक हुये कैदी…
समाज को भी बदलने की जरूरत है: धर्मवीर प्रजापति
संजय पुरबिया
लखनऊ। मकर संक्रांति के दिन जिला कारागार लखनऊ में जेल, होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एक ‘अभिभावक’, ‘मंत्री’ के साथ-साथ एक ‘संत’ की भूमिका में दिखे। ‘इंसानियत’ के नाते उन्होंने सेाचा कि ऐसे कैदी जिनके परिजन उनसे मिलने बमु्िरश्कल से एक वर्ष या छह माह में आते हैं तो क्यों ना उन्हें सर्दी में ‘कंबल’ और कपड़े दिये जाये। ऐसा कर उन्होंने सजायाफ्ता कैदियों के ‘दिलो-दिमाग’ में एक ऐसा ‘छाप’ छोड़ा जिसे वे कभी ‘भूल’ नहीं पायेंगे क्योंकि ये सब कौन करता है, कौन सोचता है ? सिर्फ और सिर्फ अपने लोग ही इस पीड़ा को समझ सकते हैं कि जेल के अंदर जो बंद हैं,उसे भी सर्दी की ठिठुरन का अहसास होता है। धर्मवीर प्रजापति ने कैदियों को कंबल दिया और उनसे सीधा संवाद भी किया और कहा कि आपकी एक गलती से आपका पूरा परिवार बहुत कठिनाई में जीवन यापन करता है। मनुष्य को उसके अच्छे कर्मों का फ ल अवश्य मिलता है। आप अपना आचरण सुधारें, ताकि आपका शेष जीवन और अगला जन्म दोनों सुधर सके। इस दौरान वहां मौजूद जेल अधिकारियों,सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ कैदियों को मंत्री धर्मवीर प्रजापति में मंत्री नहीं एक ‘संत’ का ‘अक्स’ दिखा। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री के एक-एक शब्दों को कैदियों ने ध्यान से सुना और उस राह पर जाने का संकल्प भी लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में ‘विकास के कार्यों’ की,’बुलडोजर अभियान’ की तो ‘सात समुंदर’ पार प्रशंसा हो ही रही है,वहीं इस सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति हर दिन कुछ ना कुछ ऐसा काम कर जाते हैं,जिनकी अच्छाईयों को लिखने को कलम मजबूर हो जाती है। जिस तरह से उन्होंने जेलों में सामाजिक संस्थाओं से आग्रह कर सजा काट रहे कैदियों के लिये काम किया है और करते चले आ रहे हैं,उसकी चहुंओर प्रशंसा हो रही है। बकौल जेल अधिकारी भी अब कहते नहीं थक रहें कि मंत्री ने जेल की परंपराओं को ही बदल दिया है…। कैदियों की ‘मनोदशा’ में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहा है।
तभी तो मकर संक्रांति के दिन मंत्री धर्मवीर प्रजापति सामाजिक संस्थाओं के साथ पहुंच गये जिला कारागार,लखनऊ। वहां पर स्वयं अपने पास से कैदियों को 110 कंबल दिये।इसी तरह 700 अंगवस्त्र, स्वेटर, सलवार, पैंट- शर्ट सौभाग्य फाउंडेशन की सिम्मी प्रजापति एवं एच ए एल एसोसिएशन एससी, एसटी की ओर से बांटे गये। 100 कंबल ऑलमाइटी शिवा एसोसिएशन के आदित्य पचौरी, राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के प्रवेश भारद्वाज द्वारा 100 कंबल, आदिल विश्व गायत्री परिवार की तरफ से 1000 साहित्य की पुस्तकें बांटी गयी।
कंबल वितरण के बाद मंत्री किसी ‘संत’ की भूमिका में दिखें। उन्होंने कहा कि आपकी एक गलती से आपका पूरा परिवार बहुत कठिनाई में जीवन यापन करता है। मनुष्य को उसके अच्छे कर्मों का फ ल अवश्य मिलता है। आप अपना आचरण सुधारें, ताकि आपका शेष जीवन और अगला जन्म दोनों सुधर सके। जेलों में बहुत से ऐसे बंदी हैं, जिनसे मिलने या तो कोई नहीं आता या एक वर्ष, छह माह में कभी-कभार आता है। ऐसे कैदियों को कंबल मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि समाज को भी बदलने की जरूरत है। लोग प्रयास करें कि छोटे-मोटे झगड़े, आपसी प्रयासों से ही सुलझाये जिससे कि अनायास लोगों को जेल न जाना पढ़े। तभी इसमें सकारात्मक परिवर्तन दिखेगा और जेलों में भी कैदियों की संख्या कम होगी। जेलों में गरीब परिवार के बच्चे अधिक बंद है। ये यदि बाहर होते तो अपने परिवार की आय का साधन बनते। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मदद करते और ‘मां- बाप’ को आराम मिलता।
इस दौरान कारापाल राजेन्द्र सिंह,अजय कुमार ,किशोर कुमार दीक्षित,सुरेश बहादुर सिंह,उप-कारापाल सुधाकर राव गौतम,राम प्रताप प्रजापति,हिमांशु रौतेला,अजय कुमार कुलवंत,देश दर्शन सिंह ऋषिराज एवं आनंद कुमार मौजूद थे।