रिपोर्ट – अंकित मिश्रा, शाहजहांपुर
शाहजहांपुर – बाजार में मिलावटी समानों का कारोबार इतनी तेजी से फलफूल रहा कि आपको हर चीज बिना मिलावट के कोई भी सामान नहीं मिलेगा। इसी कड़ी में खुटार क्षेत्र में मिलावटी सरसों के तेल का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, मिलावट खोर हजारों लीटर मिलावटी तेल बाजार में बेच रहे हैं। खाद्य व आपूर्ति विभाग को ही नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आला अफसरों को भी इसकी पूरी जानकारी है। बावजूद इसके मिलावटखोरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इस मिलावटी तेल का लगातार इस्तेमाल करने से जान तक जा सकती है।
बता दें कि बाहर से टैंकरों में आने वाले घटिया और सस्ते राइस ब्रान में मस्टर्ड की सुगन्ध वाला एसेन्स डाला जाता है। रंग निखारने के लिए उसमें हानिकारक बटर यलो मिलाया जाता है। इसके बाद मिलावटी सरसों के तेल को सस्ते दाम में कारोबारियों तक पहुंचा दिया जाता है। 15 किलो के सरसों के डिब्बे पर 450 रुपए का मुनाफा होने की वजह से दुकानदार भी इसे खरीदकर बिक्री करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
ऐसे होती है मिलावट और पैकेजिंग
मिलावट का यह पूरा कारोबार शाहजहांपुर से शुरू होता है और इसके आस-पास के नगरों में भारी मात्रा में धान की भूसी से तेल (राइस ब्रान) निकालने का धंधा चलता है। वहां के चार-पांच बड़े कारोबारी अपने टैंकरों के जरिए राइस ब्रान को खुटार बंडा पुवाया मैलानी गोला के व्यापारियों तक पहुंचाते हैं। टैंकर से आने वाला यह घटिया राइस ब्रान तेल 40-45 रुपए किलो में मिलता है, जबकि ब्रांडेड और अच्छा सरसों का तेल थोक में 90 से 95 रुपए किलो पड़ता है।
राइस ब्रान तेल गोदाम में पहुंचने के बाद मिलावट का खेल बरेली मोड़ बंद फैक्ट्रियों में होता है जिसमें कई कारोबारियों के गोदाम में दिन-रात चलता रहता है। यहां मिलावटखोर अपने गोदामों पर दूर-दराज से आने वाले मजदूरों को इस काम के लिए रखते हैं। यह मजदूर घटिया राइस ब्रान में मर्स्टड की सुगन्ध वाला एसेन्स और बटर यलो मिलाकर इसे सरसों के तेल की तरह तैयार करते हैं। इसके बाद इसकी पैकेजिंग और लेबलिंग का काम किया जाता है