बिहार – राजधानी पटना में गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल का 22वां स्थापना दिवस के समारोह का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद की गैरमौजूदगी में उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव इस कार्यक्रम में पहुंचे और दोनों ने एकजुटता दिखाते हुए पार्टी में दम भरा। कार्यक्रम में दोनों भाई जब एक साथ समारोह स्थल पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने जोश में जमकर नारे लगाए। इस मौके पर राज्य के कोने-कोने से राजद के कार्यकर्ता पहुंचे। लालू परिवार में टूट की खबरों के बीच आज तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव को मुकुट पहनाते हुए कहा कहा, ”तेजस्वी यादव को अभी और आगे बढ़ना है, बढ़ते जाना है, उन्होंने कहा कि जो लोग जलते हैं जलने दीजिए, तेज प्रताप ने कहा, ”हम आशीर्वाद देंगे, तेजस्वी को मुकुट पहनाएंगे, कुछ लोग दरारे पैदा करते हैं हमारे बीच।”
22वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान दोनों भाईयों ने मंच से बीजेपी और आरजेडी पर जमकर निशाना साधा, तेजस्वी ने कहा कि विरोधी आज हमें कमजोर करने में लगे हुए हैं, भाई-भाई को लड़ाने की साजिश कर रहे हैं। हमेशा लालू जी को निशाना बनाया गया और अब हमें बनाया जा रहा है लेकिन मैं बता दूं कि विपक्ष सिर्फ मानसिक संतुष्टि लेने का काम कर रहा है, लालू आज हमारे साथ नहीं है इसकी तकलीफ सभी को है लेकिन उनके साथ न होने की दोषी भी भाजपा और आरएसएस ही है। तेजस्वी ने कहा कि हमें सत्ता पाने के लिये नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है, हम बीजेपी को अकेले पटखनी देने का दम रखते हैं, तेजस्वी ने कहा कि मेरे बड़े भाई ने मुझे कई बार आशीर्वाद दिया है लेकिन बावजूद इसके हम भाईयों पर सवाल उठता है।
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा अगर नीतीश चाचा आज भी मुझे सत्ता सौंप दें हम कुर्सी ठुकरा देंगे, अगर मुझे सत्ता या कुर्सी का लालच होता तो हम लालू जी से कहकर बीजेपी से हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बन जाते लेकिन मुझे कुर्सी की कोई लालच नहीं। तेजस्वी ने कहा कि पार्टी में अनुशासन बहुत जरूरी है इसके लिये पार्टी के सभी बड़े नेताओं का हमें साथ चाहिए।
साथ ही तेजस्वी यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि बिहार में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव हो सकते हैं, इसके लिए उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से तैयार रहने के लिए कहा, बिहार की मौजूदा सियासत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी अंतिम समय में नीतीश कुमार को छोड़ सकती है जिसके चलते बिहार 2020 में होने वाला विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो सकता है।