इंस्पेक्टरों ने पीटा तो होमगार्ड ने दी जान,पुलिस ने शुरू की पड़ताल

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झांसी। होमगार्ड के इंस्पेक्टरों की ओर से  पीटे जाने से दुखी होकर विभाग के फालोवर ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के पुत्र की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपी इंस्पेक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। वह होमगार्ड विभाग में फालोवर के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में वह अंबाबाय में स्थित होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र में कुक का काम कर रहे थे।

टोड़ीफतेहपुर थाना इलाके के ग्राम बिजौरा निवासी सुरजन सिंह पटेल (57) अपने परिवार के साथ काफी समय से पठौरिया मोहल्ले में रह रहे थे।  बेटे अनूप पटेल ने बताया कि पिता सुरजन रोजाना की तरह बुधवार को ड्यूटी पर गए थे। वहां पर इंस्पेक्टर लक्ष्मीशंकर और सुभाष यादव प्रशिक्षण लेने वाले होमगार्ड से वसूली करते थे। इसका विरोध करने पर दोनों इंस्पेक्टरों ने पिता के साथ मारपीट की। उनको बुरी तरह बेइज्जत किया गया। इससे दुखी होकर पिता ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया।

भतीजे पुष्पेंद्र निरंजन ने बताया कि बुधवार शाम को परिवार के लोग चाचा सुरजन के ऑफिस से घर लौटने का इंतजार कर रहे थे। तभी फोन आया कि चाचा ने सल्फास खा लिया। आनन-फानन उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। मेडिकल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपी इंस्पेक्टरों के खिलाफ मुकदमा मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।

ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, एसपी सिटी ने बताया मरने से पहले सुरजन ने मंडलीय कमांडेंट को शिकायत दी थी। इसमें आरोप लगाया कि दोनों इंस्पेक्टरों के उत्पीड़न की वजह से आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसके बाद जहर खा लिया था। मृतक के बेटे की तहरीर पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

कमांडेंट बोले, नहीं मिली शिकायत  इस मामले में होमगार्ड विभाग के मंडलीय कमांडेंट विद्या भूषण शर्मा ने उन्हें कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वह 15, 16 और 17 जुलाई को विभागीय मीटिंग में गए हुए। मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।

मुझे ठेस पहुंची… इसलिए आत्महत्या करने जा रहा हूं
मृतक फालोवर के बेटे अनूप ने बताया कि आत्महत्या से पहले पिता सुरजन ने एक शिकायती पत्र विभाग के कमांडेंट को सौंपा था, जिसमें लिखा था कि प्रशिक्षण लेने वाले लड़कों को सताया जा रहा है। एक प्रशिक्षु की शादी थी। उससे सुभाष इंस्पेक्टर ने 1500 रुपये ले लिए। जब मैंने विरोध किया तो सुभाष और इंस्पेक्टर लक्ष्मीशंकर ने मारपीट की। गेट का ताला लगवा दिया। मैं दीवार से कूदकर आया हूं, नहीं तो वो मार देते। कह रहे थे कि मैंने शराब पी रखी है। अगर शराब पी थी तो वह डॉक्टरी कराते। मगर मारने का कोई अधिकार नहीं था। बेइज्जती करने से मुझे काफी ठेस पहुंची है। वह दोनों खुद दारू पीए हुए थे। मुझे लाठी-डंडो से बहुत मारा, इसलिए आत्महत्या करने जा रहा हूं। अनपढ़ हूं, भूल चूक हुई हो तो माफ करना।

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