ब्यूरो, लखनऊ। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने भ्रष्टाचार के मामले में राज्य कर विभाग के उपायुक्त धनेंद्र कुमार पांडेय पर शिकंजा कसा है। विजिलेंस की टीम ने उपायुक्त धनेंद्र पांडेय को मंगलवार शाम माल एवं सेवाकर मुख्यालय में निर्यात कंपनी का 20 लाख रुपये का जीएसटी रिफंड पास करने के बदले दो लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर थाने में उपायुक्त के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित उपायुक्त को विभूतिखंड थाने में रखा गया है, जिसे बुधवार सुबह लखनऊ स्थित कोर्ट में पेश किया जाएगा। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार मूलरूप से बस्ती के निवासी धनेंद्र पांडेय लखनऊ में कृष्णानगर क्षेत्र में रहते हैं।
डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण के अनुसार, रिश्वत विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9454401866 पर निर्यात कंपनी आर्डेम डेटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने राज्य कर विभाग के उपायुक्त धनेंद्र पांडेय द्वारा घूस मांगे जाने की शिकायत की थी। एसपी विजिलेंस डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने मामले की जांच की और शिकायतकर्ता को बुलाकर पूछताछ की।
सामने आया कि केंद्र सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को जीएसटी में विशेष छूट प्रदान किए जाने की व्यवस्था की है। यदि कोई फर्म निर्यात के लिए विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं के क्रय पर अलग-अलग दरों से जीएसटी का भुगतान करती है तो संबंधित फर्म अपने ऐसे खर्चों पर दिए गए जीएसटी का रिफंड क्लेम कर सकती है।
आर्डेम डेटा सर्विसेज कई वर्षाें से अमेरिका की कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए स्कैंड डाटा शीट्स को एक डैशबोर्ड में डिजिटल फार्म में तैयार कर वापस भेजती है। निर्यात के इस काम में मुख्य रूप से तीन प्रकार का व्यय होता है। जिसमें व्यवस्थापन संबंधी, डाटा इंट्री करने वालों के भुगतान व एडब्ल्यूएस एमेजान वेब सर्विसेज पर किया गया व्यय शामिल है।
कंपनी ने इनमें दिए गए जीएसटी के आधार पर लगभग 20 लाख रुपये का रिफंड क्लेम किया था। रिफंड क्लेम पास करने के बदले दो लाख रुपये घूस देने का दबाव बनाया जा रहा था।
एसपी के निर्देशन में विजिलेंस की टीम ने मंगलवार शाम अपना जाल बिछाया और मीराबाई मार्ग स्थित रिफंड वाणिज्य कर आफिस में तैनात उपायुक्त (जीएसटी) जोन 20 धनेंद्र कुमार पांडेय को कंपनी के प्रतिनिधि से दो लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा।