इंडियन हेल्पलाइन सोसाइटी की सोच,नेक-नियति से ब्रज की रसोई भर रही गरीबों का पेट
संस्था ने आशियाना के साईं मंदिर,चंद्रिका देवी मंदिर पर असहाय लोगों को कराया भोजन
कोरोना काल में संस्था की ओर से सैकड़ों गरीबों की मदद की गयी-विपिन शर्मा
संजय पुरबिया
लखनऊ। नाम ‘ब्रज की रसोई‘…। गरीबों,असहाय,मजलूम,जिनकी तरफ लोग देखना मुनाबिस नहीं समझते,उन्हें प्यार और दुलार के साथ भरपेट भोजन कराया जा रहा है। ये नजारा ब्रज में नहीं नवाबों के शहर लखनऊ में देखने को मिला। ये वही ब्रज की रसोई है, जिसने कोरोना काल में सैंकड़ों बेबस गरीबों को पेट भरा। संस्था की सोच है कि समाज से वंचित लोगों को सशक्त,आत्मनिर्भर,रोजगार योग्य बनाना है। सोच और विचार में दम है तभी तो एक बार फिर से प्रत्येक संडे को ब्रज की रसोई निकल पड़ी है भूखों का पेट भरने…। इस टीम के सभी सदस्यों सहित इंडियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक एवं अध्यक्ष विपिन शर्मा बधाई के पात्र हैं।
कोरोना काल के बाद इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी ने एक बार फिर से गरीब और असहाय लोगों को मुफ्त भोजन वितरण का कार्यक्रम शुरु किया है। इस कड़ी में रविवार को सोसाइटी की ब्रज की रसोई के माध्यम से आशियाना सेक्टर के स्थित साईं मंदिर और बंगला बाजार के चंद्रिका देवी मंदिर परिसर में गरीब असहाय और बच्चों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये। इस मौके पर कई बुजर्गो को साल भी बांटी गयी।
इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक एवं अध्यक्ष विपिन शर्मा ने बताया कि हमारा उद्देश्य समाज के वंचित लोगों को सशक्त, आत्मनिर्भर, रोजगार योग्य बनाना है ताकि वे स्वस्थ, सम्मानजनक और टिकाऊ जीवन यापन कर सकें। रविवार को हुये भोजन- शाल वितरण कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक अनिल शुक्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी, डॉ. अनिल सिंह, संजय बाजपेई, मनोज गुप्ता, राकेश मिश्रा, अलोक पाठक, गगन शर्मा, आशीष श्रीवास्तव, रश्मि शुक्ला, साधना मिश्रा, सुबोध मिश्रा, रंजीत कश्यप, सीमा मिश्रा, कुसुम गौढ़ शामिल रहीं।
संस्था के सदस्यों ने बताया कि ब्रज की रसोई की ओर से प्रत्येक रविवार को अधिक से अधिक असहाय और गरीब बच्चों को पौष्टिक भोजन वितरित करने का संकल्प है। यह कार्यक्रम कोरोना काल के दौरान चलाया गया था,जिसे बाद में बंद कर दिया गया था। इसको एक बार फि र से चालू किया गया है।