वर्दी को कलंकित करने वाला कमांडेंट पार्ट 2: बरेली कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने जवान को घूस की रकम लेने भेजा,एंटी करप्शन टीम दबोचा
एंटी करप्शन टीम ने डयूटी परेड खत्म कराने के लिये 10 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा होमगार्ड गौरव सिंह चौहान को
एंटी करप्शन ने थाना बारादरी,बरेली में कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह और होमगार्ड गौरव सिंह चौहान के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा दर्ज
होमगार्ड गौरव सिंह चौहान का ब्यान
. कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बहाली के नाम पर मांगा था 30 हजार रुपये,पहली किश्त 10 हजार रुपये सतीश चंद्र वर्मा से ले रहा था
संजय पुरबिया
लखनऊ।
”सेंध से बच निकला चोर अपने को शाह समझता है।
अपने को मसीहा और भामाशाह समझता है
हवश की भूख ने आदमी को आदमखोर बना दिया।
इज्जत को ताख पर जिन्दगी को हरामखोर बना दिया।”
ये शेर होमगार्ड विभाग के भ्रष्ट अफसरों पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। इन्हें मालूम है कि महिलाओं का ‘शारीरिक शोषण’ करें या जवानों से ‘टार्गेट फिक्स’ कर हर माह ‘लााखों रुपये की वसूली’…शासन स्तर से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगा। ज्यादा से ज्यादा जांच चलेगी या फिर निलंबन की कार्रवाई…। कुछ माह बाद मनमाफिक अफसर शासन या मुख्यालय पर आ गये तो बड़ा चढ़ावा चढ़ाकर हो जायेगी बहाली। यही वजह है कि ये विभाग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबकर एक-दो माह बाद अपनी काली कमाई की वजह से सुर्खियों में छाया रहता है। अब देखिये,बलरामपुर में एक होमगार्ड को दूसरे होमगार्ड से घूस की रकम लेते हुये एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़ा गया। होमगार्ड ने कहा कि घूस की रकम कमांडेंट चंदन सिंह के कहने पर ले रहा हूं। एफआईआर में होमगार्ड और कमांडेंट का नाम दर्ज हो गया। होमगार्ड तो जेल गया लेकिन क्या कमांडेंट के खिलाफ कार्रवाई हुयी ? नहीं। ठीक इसी तरह 13 फरवरी को बरेली में होमगार्ड सतीश चंद्र वर्मा से वसूलीमैन होमगार्ड गौरव सिंह चौहान द्वारा 10 हजार रुपये घूस लेते एंटी करप्शन टीम ने रंगे हांथ पकड़ा। गौरव चौहान ने बताया कि बरेली के कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के कहने पर ड्यूटी बहाल कराने के एवज में 30 हजार रुपये में से पहली किश्त 10 हजार रुपये लेने आया था। इतना ही नहीं, होमगार्ड के स्कूटर से एक लाख रुपये अतिरिक्त टीम ने बरामद किया है। बहरहाल, बरेली के बारादरी थाने में होमगार्ड गौरव सिंह चौहान और कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। बताया जाता है कि शैलेन्द्र प्रताप सिंह हर छोटी-छोटी बातों पर जवानों में कमियां निकाल कर उनकी ड्यूटी परेड पर रोक लगा देते थे और उनका गुर्गा गौरव सिंह चौहान डयूटी बहाली कराने के नाम पर 3 0-30 हजार रुपये की वसूली करता था। चर्चा तो ये भी है कमांडेंट को काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा ऊपर देना पड़ता था। ऊपरी दबाव की वजह से ना चाहते हुये भी कमांडेंट साहेब होमगार्डों को बेवजह कमियां निकालकर लूट रहे थे। बड़ा सवाल यह है कि आखिर विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति,डीजी बी. के. मौर्या की मेहनत और ईमानदारी पर कमांडेंट पानी क्यों फेर रहे हैं? आखिर इन अफसरों में अवैध कमाई की हवस क्यों बढ़ गयी है और ‘ऊपर’ कौन है,जो इस कमाई का हिस्सेदार है ? बात जो भी हो,यदि जवानों को लूटने वाले अफसरों पर बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई नहीं होगी तो,इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि लगभग 90 प्रतिशत जिलों में तैनात कमांडेंट भी चंदन सिंह और शैलेन्द्र प्रताप सिंह बन जायेंगे…।
उत्तर प्रदेश के होमगार्ड विभाग में अपनी ‘काली करतूतों’ से विभाग के ‘मुंह पर कालिख पोत’ने का काम अब जवान नहीं ‘कमांडेंट’ कर रहे हैं। हाल ही में बलरामपुर के एक होमगार्ड से वसूली की रकम वसूलते जवान को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा था। वसूली करने वाले होमगार्ड ने कमांडेंट का नाम उगला था। ये मामला अभी ठंड़ा भी नहीं हुआ कि 13 फरवरी को बरेली में एक होमगार्ड की डयूटी बहाली के नाम पर कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने 30 हजार रुपये की मांग की। वसूली की रकम में से 10 हजार रुपये की पहली किश्त लेने कमांडेंट का गुर्गा गौरव सिंह चौहान को भेजा जिसे एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ धर-दबोचा। सख्ती करने पर होमगार्ड गौरव सिंह चौहान ने बताया कि कमांडेेेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के कहने पर वसूली की रकम ले रहा था। टीम ने बरेली के बारादरी थाने में कमांडेंट और होमगार्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
बता दें कि आंवला के होमगार्ड सतीश चंद्र वर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज करायी थी। आरोप लगाया था कि परेड बहाली के नाम पर उनसे रिश्वत मांगी जा रही है। बुधवार को सतीश चंद्र रुपये देने के लिये सेटेलाइट बस अड्डे पर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने एंटी करप्शन टीम को सूचना दे दी थी। सतीश चंद्र वर्मा ने बस अड्डे पर जिला कमांडेंट के सहयोगी होमगार्ड गौरव सिंह चौहान को रुपये दिये। इसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने वहां पहुंचकर होमगार्ड गौरव चौहान को पकड़ लिया। उसकी स्कूटी की तलाशी ली गयी तो डिक्की से 1 लाख रुपये बरामद हुये। आरोपी ने बताया कि जिला कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के कहने पर उसने रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रुपये ली है। एंटी करप्शन टीम आरोपी होमगार्ड को लेकर बारादरी थाने पहुंची। टीम ने उससे पूछताछ की। भ्रष्टाचार के मामले में थाना बरादरी में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है, जिसमें जिला कमांडेंट, होमगार्ड शैलेंद्र प्रताप सिंह को भ्रष्टाचार का आरोपी भी बनाया गया है।