अयोध्या- हवाईअड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन तक बस राम ही राम…

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अयोध्या आगमन पर दिखेंगी त्रेता युग की झलकियां दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए जरूरी सुविधाएं कुंभ नगरी प्रयागराज की तर्ज पर अयोध्या में 15 हजार लोगों की टिन सिटी ब्यूरो,अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और इसका उद्घाटन लगातार सुर्खियों में है। धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के इस स्थान पर विकास की नई इबारत लिखने की कवायद हो रही है। तमाम अत्याधुनिक पैमानों पर शहर में सुविधाओं का विकास हो रहा है। अयोध्या में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ-साथ बस टर्मिनल और आवागमन को सुगम बनाने वाली तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। आज (30 दिसंबर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री अयोध्या के नए एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे।अयोध्या में बने नए एयरपोर्ट की क्या खासियत है? यह कितने समय में बनकर तैयार हुआ है ? इसे बनाने में कितना खर्च आया है? आगे इसमें क्या होना है? अयोध्या रेलवे स्टेशन में क्या बदला है? इसके उच्चीकरण में कितना खर्च आया है? श्रद्धालुओं और पर्यटकों को  आने पर क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?  आइए समझें…राम मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनकर तैयार है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। सरकार ने 240 करोड़ की लागत से अयोध्या रेलवे स्टेशन और भवन भी विकसित किया है। पीएम मोदी लोकार्पण के बाद अयोध्या से गुजरने वाली वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। स्टेशन का सौंदर्यीकरण राम मंदिर की तर्ज पर किया गया है। सरकार का दावा है कि एयरपोर्ट के साथ-साथ स्टेशन पर मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं को विश्वस्तरीय मानकों के अनुसार विकसित किया गया है। सड़कों का चौड़ीकरण, एयरपोर्ट और स्टेशन पर यात्री क्षमता बढ़ाने जैसे प्रयास भी किए गए हैं। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों को एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन के साथ-साथ अंतरराज्यीय बस अड्डा यानी I S B T की सौगात भी मिल रही है। इसे कई चरणों में विकसित किया गया है। बस अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर सौंदर्यीकरण भी कराया गया है। यहां दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्री सहायता केंद्र, रैन बसेरा और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। उत्तर प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के अधिकारियों के हवाले से आई रिपोर्ट में बताया गया है कि आगरा जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों से अयोध्या आने के लिए विशेष बस सेवाओं की शुरुआत भी की गई है। सरकारी के अलावा प्राइवेट बसों की मदद से भी अयोध्या पहुंचा जा सकता है। नए तरीके से विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का भवन मंदिर की तर्ज पर विकसित किया गया है। तीन प्लेटफॉर्म वाले इस स्टेशन पर आने के दौरान असुविधा न हो, इसलिए सैकड़ों वाहनों के लिए पार्किंग का इंतजाम किया गया है। 10 हजार वर्गमीटर में फैले स्टेशन परिसर में रेल कर्मचारियों के लिए आवास, रेलवे पुलिस कार्यालय, लिफ्ट, एस्कलेटर, फूड प्लाजा, एसी वेटिंग रूम, वीआईपी लाउंज जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं। पूरी तरह वातानुकूलित तीन किलोमीटर लंबे स्टेशन को दो फेज में विकसित किया जाना है। पहले चरण के बाद 430 करोड़ रुपये की लागत से दूसरे चरण में एयर कॉनकोर्स विकसित किया जाएगा। छत की डिजाइन कमल की पंखुड़ियों जैसी होगी। स्टेशन के दक्षिणी भाग में दो और प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे। इस टर्मिनल को लगभग एक लाख यात्री क्षमता का बनाया जा रहा है। दक्षिणी टर्मिनल सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (NH 27) से जुड़ा है।  स्टेशन पर पर्यटक सूचना कार्यालय, यात्रियों के रुकने के लिए अलग-अलग महिला और पुरुष रिटायरिंग रुम, सामूहिक शयनकक्ष यानी डॉरमेट्री जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं के अलावा बाकी बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। राम नगरी अयोध्या में कभी केवल 178 एकड़ में फैला हवाई अड्डा था। अब लगभग 821 एकड़ में फैले एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए तैयार किया गया है। यहां 2200 मीटर का रनवे तैयार किया गया है। हर घंटे दो-तीन फ्लाइट्स उतरेंगी। इस एयरस्ट्रिप पर बोइंग 737, एयरबस 310 और एयरबस 320 जैसे विमानों को भी सुरक्षित लैंड कराया जा सकेगा। 30 दिसंबर को उद्घाटन फ्लाइट के बाद 16 जनवरी से नियमित विमान सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी। अयोध्या को श्रद्धालुओं को अनोखा अनुभव मिलेगा। कुंभ में प्रवास करने वाले लिए श्रद्धालुओं के टिन सिटी बनाई जाएगी। अयोध्या में बंदरों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में यहां 15 हजार लोगों की क्षमता वाली टिन सिटी बनाने का फैसला लिया गया है। टेंट कपड़े के बदले टिन से बनाए जाएंगे। 50 एकड़ में फैली टिन सिटी में 4500 लोगों की क्षमता वाले 1500 कमरों का भी इंतजाम किया गया है। अयोध्या की टिन सिटी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनवा रहा है। कारसेवक पुरम और मणिराम छावनी में भी टेंट सिटी बनवाई जा रही है। दोनों को मिलाकर लगभग तीन हजार लोगों के रहने का इंतजाम होगा। इसके अलावा अयोध्या में मंदिर तक पहुंचने में संघर्ष न करना पड़े इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। राम, भक्ति, जन्मभूमि और धर्म पथ को संवारा जा रहा है। अयोध्या एयरपोर्ट, स्टेशन पहुंचने वाली सड़कों के साथ-साथ पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ भी सजाए जा रहे हैं। अयोध्या स्टेशन का पहला चरण 2022 में ही पूरा किया जा चुका है। त्रेता युग की झलकियों को भी कलाकारों और शिल्पकारों की मदद से हर प्रमुख स्थान पर उकेरा जा रहा है। स्टेशन से एक किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद राम मंदिर पहुंचा जा सकेगा

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