होमगार्ड विभाग : चार इंस्पेक्टर,एक बीओ का गृह जनपद लखनऊ फिर कैसे हुये सीटीआई में तैनाती ?
सीटीआई पर खिलाफ बोलने वाले अधिकारी के खिलाफ इंस्पेक्टर भेजते हैं फर्जी शिकायती पत्र
शेखर यादव
लखनऊ। राजधानी में होगार्ड विभाग के मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र और (सीटीआई) में जवानों को परोसे जाने वाले खाना पर यहां 12 वर्ष से तैनात इंस्पेक्टर,पीसी और हवलदार प्रशिक्षक डाका डाल रहे हैं। सूबे के कोने कोने से आने वाले जवानों को घटिया खाना खिलाया जाता है और आवाज उठाने वालों पर परेड में रगडऩे की धमकी भी मिलती है। खास बात यह है कि मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र और (सीटीआई) में कई लोग हवलदार प्रशिक्षक और प्लाटून कमांडर के पद पर भर्ती हुये और प्रमोशन मिलने के बाद भी यहीं तैनात हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यहां तैनात तीन प्लाटून कमांडर का गृह जनपद लखनऊ ही है और लगभग 10 वर्ष से यहां पर प्रमोशन पाकर कैसे तैनात हो गये ? शासनादेश है कि पांच वर्ष से अधिक कोई भी अधिकारी एक जगह पर तैनात नहीं रह सकता,फिर 3 इंस्पेक्टर,1 प्लाटून कमंाडर और 1 हवलदार प्रशिक्षक किस नियमावली के तहत सीटीआई में प्रमोशन पाने के बाद भी तैनात होते रहे हैं ? इसमें कोई संदेह नहीं कि मुख्यालय पर तैनात जो अधिकारी ट्रांसफर-पोस्टिंग का काम देखता रहा, उसने ट्रांसफर रोकने के एवज में मोटी रकम ली होगी।
बता दें कि मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र और (सीटीआई) में तैनात इंस्पेक्टर अंशुल यादव की भर्ती 2012 में प्लाटून कमांडर के पद पर, रमेश यादव की भर्ती वर्ष 2017 में प्लाटून कमांडर, रवि शर्मा की भर्ती वर्ष 2014 में प्लाटून कमांडर के पद पर और सीमा भारती की भर्ती वर्ष 2012 में प्लाटून कमांडर के पद पर हुयी थी। अंशुल यादव,रवि शर्मा और रमेश यादव प्रमोशन पाकर प्लाटून कमांडर बन गये जबकि सीमा यादव आज भी प्लाटून कमांडर के पद तैनात हैं। चारो प्रमोशन पाने के बाद भी सीटीआई पर ही तैनात हैं। इसी तरह,वर्ष 2008 में पंकज तिवारी हवलदार प्रशिक्षक के पद पर तैनात हुये और प्रमोशन पाकर ब्लॉक आर्गनाइजर बन गये लेकिन इनका भी तबादला दूसरे जिले में नहीं किया गया। अंशुल यादव,रमेश यादव,रवि शर्मा और पंकज तिवारी,सभी का गृह जनपद लखनऊ है। बताया जाता है कि प्रमोशन के समय मुख्यालय के अधिकारियों को पैसा खिलाकर दुबारा-तीबारा ये लोग यहीं पर तैनाती पाने में कामयाब होते रहे हैं।
‘द संडे व्यूज़’ का सवाल है कि जब सीमा भारती,रवि शर्मा, उमेश यादव और पंकज तिवारी का गृह जनपद लखनऊ है तो इनकी पहली तैनाती लखनऊ में कैसे और किस नियमावली के तहत की गयी ? जिस अधिकारी ने किया उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी ? जब चारों का प्रमोशन हुआ तो उन्हें अन्यत्र जिलों में क्यों नहीं भेजा गया? बताया जाता है कि अंशुल यादव,रमेश यादव एवं पंकज तिवारी यहां पर तैनाती के दौरान जवानों को खिलाने वाले खाना में घटिया राशन इस्तेमाल कर पैसा मारते रहे हैं।
यदि मुख्यालय का कोई अधिकारी इन पर सख्ती बरतता है तो उसके खिलाफ फर्जी शिकायती पत्र लिखकर शासन से जांच कराते हैं। यही वजह है कि सीटीआई में उक्त इंस्पेक्टर का कॉकस लंबे समय से चलता चला आ रहा है। चर्चा है कि हाल ही में मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सीटीआई में खाना बनते समय छापामारी की तो वहां कच्ची रोटी उनके हाथ लग गयी। उन्होंने मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिया कि जवानों को बेहतर खाना खिलाया जाये। कहा गया है कि जब एक ही कुर्सी पर कोई अधिकारी या कर्मचारी लंबे समय तक रहता है तो वहां भ्रष्टाचार अपना रंग दिखाने लगता है। यही वजह है कि सीटीआई में जवानों के खाना पर उक्त इंस्पेक्टर खुलकर डाका डाल रहे हैं।