अफसर यदि दोषी है तो उसे हर हाल में मिलेगी सजा: बी.के. मौर्या

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मिर्जापुर प्रकरण : द संडे व्यूज़ के खुलासे के बाद एक्शन मोड में आये डीजी

मीरजापुर के मंडलीय कमांडेंट को सौंपी जांच

 संजय पुरबिया

लखनऊ। मिर्जापुर में 9 वर्षीय अनुराग पाल की निर्मम हत्या के मामले में 302 का अभियुक्त होमगार्ड ओमप्रकाश यादव को पहले निलंबित फिर बहाल करने के मामले में डीजी बी केे मौर्या ने जांच बिठा दी है। जांच मिर्जापुर के मंडलीय कमांडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय को सौंपी गयी है। इस विभाग के लिये बेहद शर्मनाक बात है और बड़ा सवाल है कि मासूम के हत्यारे को आखिर प्रमोटी कमांडेंट बी के सिंह ने क्यों बहाल किया ? इसके एवज में उस अभियुक्त ने कमांडेंट को आखिर क्या दिया कि उसने शासनादेश की भी धज्जियां उड़ा दी ? जांच शुरु होते ही प्रमोटी कमांडेंट बी के सिंह ने जिस अभियुक्त को बहाल किया था, उस पर दबाव बनाया है कि मंडल को बयान दो कि बहाली के नाम पर उससे पैसा नहीं लिया गया। इतना ही नहीं,अपने को बचाने के लिये  कमांडेंट हर वो दांव चल रहा है जिससे वो बचकर निकल जाये। देखने की बात होगी कि मंडलीय कमांडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय की जांच रिपोर्ट में एक मासूम बच्चे की हत्या करने वाले होमगार्ड को बहाल करने वाले कमांडेंट को दोषी करार देते हैं या फिर ?

बताया जाता है कि मिर्जापुर के मंडलीय कमांडेंट सुधाकराचार्य की नजर कमांडेंट द्वारा जारी ड्यूटी लिस्ट पर पड़ी तो उन्होंने फटकार लगाते हुये कहा कि 302 के अपराधी को ड्यूुटी लगाये हो,तुम्हारी नौकरी खतरे में पड़ जायेगी। उसके बाद कमांडेंट ने उसका नाम हटाया लेकिन तब तक ओमप्रकाश यादव का नाम मस्टर रोल में जा चुका था। 

बात जो भी हो,द संडे व्यूज़ इस बात से कोई वास्ता नहीं रखता कि भ्रष्ट कमांडेंट बी.के.सिंह ने मासूम के हत्यारे जवान से पैसा लिया या नहीं…। ‘इंडिया एक्सप्रेस न्यूज़ डॉट कॉम‘  ‘द संडे व्यूज़’ डंके की चोट पर सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल उठायेगा कि आखिर कमांडेंट बी.के.सिंह ने मासूम के हत्यारे होमगार्ड ओमप्रकाश यादव को बहाल क्यों और किस नियमावली के तहत किया ? कमांडेंट ने ओमप्रकाश यादव को बहाल कर इस हत्याकांड़ के खुलासे पर, पुलिस के गुडवर्क पर ही सवाल उठा दिया है। बहरहाल सभी की निगाहें मंडलीय कमांडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय की रिपोर्ट पर टिकी है।

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