अपने खिलाफ हर षडयंत्र का देंगे जवाब – श्रीमहंत नारायण गिरि
सनातन धर्म को खत्म करने का सोचने वाले हो जाएंगे खुद खत्म
किया जाएगा पुतला दहन
संवाददाता
नई दिल्ली । घटक दलों के नेताओं द्वारा सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी और उस पर बाकी गठबंधन दलों की चुप्पी आई.एन.डी.आई.ए (I.N.D.I.A.) को भारी पड़ सकती है। इस विवाद पर देशभर के संतों की मुखरता अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में उसकी राह कठिन कर सकती है। संत समाज ने दो टूक कहा है कि अगला चुनाव सनातन विरोधी बनाम सनातन पक्ष की धुरी पर लड़ा जाएगा और इसमें उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। इसका प्रारंभ 25 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी स्थित तमिलनाडु भवन के सामने से शुरू होगा।
जहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत अन्य राज्यों से भारी संख्या में संतों के जुटान के साथ ही सनातन धर्म को खत्म कर देने संबंधित विवादित टिप्पणी पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन समेत अन्य विवादित नेताओं के पुतलों का दहन किया जाएगा तो इसकी तपिश अगले वर्ष लोकसभा चुनाव तक महसूस की जानी तय है। विशेष रूप से गठित सनातन धर्म रक्षा मंच के बैनर तले इस आंदोलन की धार को अन्य राज्यों तक ले जाया जाएगा। इसके लिए देश भर के सभी प्रमुख संतों, आध्यात्मिक गुरुओं, अखाड़ों, धार्मिक, आध्यात्मिक व सामाजिक समेत अन्य संगठनों तथा दलों को भी साथ लाने की कोशिश होगी।
प्रेस क्लब में गाजियाबाद स्थित श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दूधेश्वर मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म पर हमला बोलने वाले और इस धर्म को खत्म करने का षडयंत्र रचने वाले खुद खत्म हो जाएंगे। उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खड़गे व स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग जिनका धर्म, न्याय व सत्य से लेना-देना नहीं है, ये पूरी मानवता के लिए खतरा हैं। इसलिए इन जैसे लोगों का मुखर विरोध तेज होगा। तमिलनाडु में भी संत समाज विरोध में आंदोलन करेगा।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करता है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ भी बोलता रहेगा और सनातन धर्म को मानने वाले चुप बैठे रहेंगे। यह धर्म अपने खिलाफ होने वाले हर प्रकार के षडयंत्रों का मुंह तोड जवाब देना जानते हैं। जोधपुर स्थित सिद्धनाथ धाम के महामंडलेश्वर स्वामी कंचन गिरि महाराज ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि जो भी सनातन का विरोध करें, सनातनी उसके अंतिम संस्कार तक उसका सामाजिक और राजनैतिक बहिष्कार करें।