नरेंद्र देव उपाध्याय व मनोज चतुर्वेदी पर सार्वजनिक उपयोग की जमीन को बैनामा करने पर दर्ज हुई एफ आईआर

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सरसंघचालक का करीबी बताने वाला निकला भू-माफिया

एटा में दर्जन भर से अधिक मुकदमा दर्ज,बावजूद पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई…

जिलाधिकारी ने शासन से इस मामले में एसआईटी गठित करने की मांग की

गुरु-चेले ने सर्वोदय आश्रम ट्रस्ट के नाम से बेंच डाली सैकड़ों एकड़ जमीन

ब्यूरो

एटा। उत्तर प्रदेश में अब कई भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन कब्जा कर उसे बेचने के लिये अपना ‘चोला‘ बदल कर करोड़ों का फ्राड कर रहे हैं। भू-माफियाओं को इस बात का अहसास है कि यदि वे सरकारी जमीनों का फ्राड करेंगे तो बच नहीं सकते इसलिये ‘संघ’ में प्रदेश स्तर का ‘पद’ हासिल कर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। ‘संघ’ का ठप्पा लगा होने की वजह से शासन-प्रशासन के अधिकारियों को उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं होती। कुछ ऐसा ही मामला ऐटा में देखने को मिला है। ‘संघ के अनुसांगिक संगठन सहकार भारती’ के ‘प्रदेश अध्यक्ष’ नरेन्द्र उपाध्याय ने पार्टी की छवि धूमिल करने का काम किया है। अपने आप को सरसंघचालक का करीबी बताकर अधिकारियेां पर रौब ऐंठता है। इतना ही नहीं नरेन्द्र उपाध्याय संघ के नाम पर अधिकारियों को अर्दब में लेकर चला रहा है ट्रांसफर-पोस्टिंग का लंबा खेल…। नरेन्द्र उपाध्याय के खिलाफ सरकारी जमीनों को 50 करोड़ में बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की गयी है। उपाध्याय ने करोड़ों की जमीन पर प्लाटिंग उसे बेच डाला। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुये एफआईआर दर्ज कर जांच एसआईटी को सौंप दी है।


एटा जनपद में नेशनल हाईवे 91 पर जेएलएन डिग्री कॉलेज के सामने सामने शीतलपुर ग्राम सभा की करीब 50 करोड़ रुपये कीमत की 5.04 एकड़ भूमि पर भू माफि याओं ने अवैध रूप से कब्जा करके उस पर कॉलोनी काट दी और प्लाट बेच दिया। इस पर लोगों ने अपनी खून पसीने की करोड़ों रुपये की कमाई से अपने आशियाने भी बना लिये। आरोप है कि इस भूमि पर भू माफि या नरेंद्र देव उपाध्याय व उसके साथियों ने अवैध रूप से कब्जा कर सरकारी नॉन जेड ए की बंजर जमीन पर कॉलोनी बनाकर प्लाट बेच दिये। इसमें अधिकांश मकानों के निर्माण भी हो चुके हैं। मामले को एटा के जिला अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुये इस सरकारी जमीन को भू माफि याओं के कब्जे से छुड़ाकर पुन: सरकार के खाते में दर्ज करवा दिया। इस जमीन की खरीद-फ रोख्त और इस पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश शासन से इस मामले में एसआईटी गठित करने की मांग की है।
चंद्र प्रकाश शुक्ल पुलिस अधीक्षक, राज्य विशेष अनुसंधान दल, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा एटा जिला अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल को पत्र लिखकर मामले में एसआईटी गठित होने की जानकारी दी गयी। एसआईटी के जांच निरीक्षक अवध किशोर शुक्ल द्वारा इस घोटाले की जांच भी शुरू कर दी गयी है।

जिलाधिकारी एटा को लिखे पत्र में संबंधित भूमि घोटाले से संबंधित सभी रिकॉर्ड मूल अभिलेख, साक्ष्य, सीसीटीवी फु टेज, वीडियो रिकॉर्डिंग सहित किसी भिज्ञ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुये एसआईटी जांच टीम का सहयोग करने को कहा गया है।इस घोटाले पर तत्काल एक्शन लेते हुये एटा के जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने एटा के तहसीलदार चंद्र किशोर सिंह को इस मामले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।इससे पूर्व में भी नरेन्द्र देव उपाध्याय व मनोज चतुर्वेदी पर करीब 200 करोड़ रुपये कीमत की 250 बीघा सरकारी बंजर की जमीन पर सर्वोदय आश्रम ट्रस्ट के नाम पर कूटरचना कर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर सरकारी जमीन को कब्जाकर उसमें से कुछ जमीन को अवैध तरीके से बेच देने के आरोप में कोतवाली नगर में एफ आईआर दर्ज हों चुकी है।
बता दें कि नरेंद्र देव उपाध्याय आरएसएस के अनुसांगिक संगठन सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस संबंध में एटा के अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजश्व आयुष चौधरी ने बताया कि एटा तहसील सदर के अंतर्गत 5 एकड़ नॉन जेड ए की सरकारी व सार्वजानिक संपत्ति थी उस पर कुछ व्यक्यिों द्वारा गलत तरीके से स्वामित्व हासिल करके उस पर प्लाटिंग कर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। उप-जिला अधिकारी सदर एटा द्वारा उसका स्वामित्व सही किया गया। तत्पश्चात एसआईटी का गठन किया गया।

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