जवानों की जन्मतिथि,भर्ती,सबकुछ लॉक हो गया सिस्टम में,कुछ भी नहीं छिपेगा
अधिकारी चेत जायें,अब नहीं कर पाओगे जवानों का शोषण,गड़बड़ किये तो होगी कार्रवाई
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग अब अपना ‘चोला’ तेज रफ्तार से बदल रहा है। सूबे के सभी होमगार्डों की ‘जन्म तिथि’ खंगाली जा रही है। कूड़े की रद्दी के ढेर में पड़े दस्तावेजों को ढूंढऩे में मंडल और कमांडेंटस के माथे पर ‘सिलवटें’ दिखने लगी है। अभी तक कोई पूछने वाला नहीं था कि किसी जवान की ‘कब भर्ती हुयी’ थी और कौन ‘कब रिटायर्ड हो रहा है’ लेकिन अब…। नई व्यवस्था के तहत सूबे के सभी होमगार्ड कमंाडेंट से जवानों की जन्मतिथि मांगकर उसे एक साफ्टवेयर में फीड कर दिया गया है। यानि,मुख्यालय पर बैठे डीजी कम्प्यूटर पर एक ‘क्लीक’ करेंगे और प्रदेश के आखिरी छोर पर बने जनपद के जवान की पूरी जन्म कुंडली उनके सामने होगी। फायदा ये होगा कि पुलिस की तरह होमगार्ड भी ‘सम्मान के साथ रिटायर’ होंगे और जिनकी उम्र 60 से अधिक हो गयी है,उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। इस मिशन को पूरा कराने का काम होमगार्ड विभाग के डीजी बी.के.मौर्या ने कर दिखाया है।
द संडे व्यूज़ से खास बातचीत में डीजी बी के मौर्या ने बताया कि लगभग 80 हजार होमगार्डों की जन्मतिथि साफ्टवेयर में फीड कर लिया गया है। अब मुझे यहीं बैठे-बैठे किसी भी जनपद के जवानों की वस्तुस्थिति यानि भर्ती,ट्रेनिंग की स्थिति के बारे में जानना है तो एक क्लीकर करूंगा,मिल जायेगा। कहा कि अक्सर जो शिकायतें आती है कि फलां अधिकारी जवानों का शोषण कर रहा है तो उस पर भी रोक लग जायेगी। जब रिकार्ड सामने होगा तो भविष्य में किसी भी जवान को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। श्री मौर्या ने बताया कि इसके बावजूद यदि किसी जवान के साथ अनियमितता पकड़ी गयी तो उसके लिये सीधे तौर पर कमांडेंट जिम्मेदार होगा। उन्होंने बताया कि जवानों की ड्यूटी रोस्टर से डयूटी लगायी जा रही है। मेरी कोशिश है कि जवानों की दशा सुधरे और विभाग की साख बदनाम ना हो बल्कि नाम रौशन करे।