‘वन जेल वन प्रोडक्ट’ पर करें फोकस,बंदियों द्वारा बनायी गयी वस्तुओं के मार्केटिंग पर ध्यान दें : धर्मवीर प्रजापति

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जेलों में ओवर क्राउडिंग,कम स्टॉफ होने से कर्मचारियों में बढ़ रहा तनाव,इसका समाधान निकालें : सुरेश राही

      संजय पुरबिया

लखनऊ। कारागार राज्य मंत्री  (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने अधिकारियों से कहा कि अपने अच्छे व्यवहार तथा मानवीय दृष्टिकोण से बंदियों की समस्याओं को सुनें और जानकर उनकी समस्याओं को तत्काल दूर करने की कोशिश करें। कारागारों में चल रहे वन जेल वन प्रोडॅक्ट अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि बंदियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की मार्केटिंग के ऊपर ध्यान देना अति महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें एक अच्छी पारिश्रमिक मिलेगी और देखा-देखी दूसरे बंदी भी कुछ नया सोचकर काम करेंगे। इस प्रकार वह स्वयं एवं अपने परिवार की मदद करके मानसिक तनाव से भी दूर रहेंगे। साथ ही उन्होंने वर्तमान के मार्केट को देखते हुए जेल उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की बात भी कही। कहा कि कारागार विभाग एक परिवार की तरह है इसलिए सकारात्मक सोच व अच्छे विचारों के साथ सामूहिक रूप से समायोजन के साथ आगे बढ़े।

मंत्री धर्मवीर प्रजापति आज कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं मुख्यालय, लखनऊ में विभागीय समीक्षा की महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में ओवरक्राउडिंग, नवीन कारागारो के निर्माण की स्थिति, बजट आवंटन, उपकरणों की स्थिति, पदोन्नति, नवनिर्मित केंद्रीय कारागार इटावा का संचालन, ओ.डी.ओ.पी एवं कौशल विकास, समय पूर्व रिहाई, आजादी का अमृत महोत्सव व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुयी।

इसी क्रम में राज्य मंत्री सुरेश राही ने कहा की कारागारों में ओवरक्राउडिंग और कम स्टॅाफ होने की वजह से उनमें तनाव बढ़ता है इसीलिये स्टॅाफ की पूर्ति की आवश्यकता है। साथ ही कारागारो में जलभराव की समस्या को देखते हुये उन्होंने पुरानी कारागारो में वाटर हार्वेस्टिंग का सुझाव दिया। प्रमुख सचिव, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं राजेश कुमार सिंह ने समस्त सुझावों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया और बताया की शासन नीति के तहत कारागारो की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये तत्परता से अग्रसर है। पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक कारागार एस. एन. साबत ने बताया की कारागारो में ओवरक्राउडिंग की स्थिति को दो तरीकों से सुधारा जा रहा है, पहला- बंदियों की स्थाई नीति के अंतर्गत समय पूर्व रिहाई व दूसरा कैपेसिटी बिल्डिंग जैसे नई जेलों व जेलो में नई बैराको का निर्माण करके।

बताया कि प्रदेश की कारागारो में लगभग एक तिहाई सजायाफ्ता तथा दो तिहाई विचाराधीन बंदी है, निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने और उसके निरीक्षण के माध्यम से ओवरक्राउडिंग अनुपात को 1.1,1.2 करने का लक्ष्य है। इस मौके पर अपर महानिरीक्षक कारागार श्रीमती चित्रलेखा सिंह, उप-महानिरीक्षक ए. के सिंह, उप-महानिरीक्षक शैलेन्द्र मैत्रेय, पुलिस वरिष्ठ अधीक्षक शिवहरी मीणा, पुलिस अधीक्षक एस. सी. शाक्य, जेल अधीक्षक बृजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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