धनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। वर्तमान लाइफ स्टाइल में लिवर पर सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। फैटी लिवर आम समस्या बन गई है। भारत में करीब 30 फीसदी लोग इससे प्रभावित हैं। फैटी लिवर को डिजीज की शुरुआत का संकेत कहा जा सकता है। ऐसे में जरूरत है स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लिवर को स्वस्थ रखने की। यह बातें वरिष्ठ गैस्ट्रो एंटरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कटियार ने कहीं। वो एलीट हॉस्पिटल में विश्व लिवर दिवस के अवसर पर व्याख्यान दे रहे थे।
शरीर की मैटाबॉलिक फैक्ट्री है लिवर: विवेकानंद अस्पताल के पूर्व चिकित्सक डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि मनुष्य के शरीर की करीब 500 गतिविधियों में लिवर अहम भूमिका निभाता है। लिवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। जिनमें फैटी लिवर के अलावा एल्कोहलिक लिवर डिजीज और क्रॉनिक वाइवल हेपटाइटिस प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि रोज एक्सरसाइज, स्वस्थ जीवनशैली और कम वसा युक्त आहार लेकर लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
एल्कोहल है लिवर का सबसे बड़ा दुश्मन: शराब का सेवन लिवर की बीमारियों की प्रमुख वजह है। इससे एल्कोहलिक लिवर डिजीज होती है। जिसका सही समय पर उपचार नहीं होने पर गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। लोगों में शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करके एल्कोहल कल्चर पर लगाम लगाने की जरूरत है। जिससे एल्कोहल से होने वाली लिवर की बीमारियों में स्वयं कमी आने लगेगी।
वैक्सीन से है उपचार:डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि हेपटाइटिस बी से बचने के लिए वैक्सीन लगवाकर बचाव किया जा सकता है। जबकि हेपटाइटिस सी का दवाइयों के माध्यम से कारगर इलाज है। जिसकी सफ लता की दर 95 फ ीसदी तक है। ऐसे में डॉक्टर अपने मरीज के साथ टॉक-टेस्ट-ट्रीट की स्ट्रैजडी अपनाते हैं। जिससे मरीजों का उपचार किया जाता है, लेकिन लोगों के लिए भी जरूरी है कि वो अपने लिवर को स्वस्थ रखने प्रति सचेत रहें। परहेज करें और हेल्दी लाइफ स्टाइल जीना शुरू करें।
यह होते हैं लक्षण : लिवर की बीमारी में सबसे आम लक्षण भूख में कमी होना या भूख बिल्कुल नहीं लगना होता है। इसके अलावा शरीरए आंखों में पीलापन, उल्टी और अलग-अलग बीमारियों के अनुसार रोगी में विभिन्न लक्षण देखने को मिलते हैं।