वाराणसी में कमांडेंट की ‘कुर्सी’ पाने के लिये किस अधिकारी ने दागा ‘लेटर बम’ ?

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मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने दुर्घनाग्रस्त राजमणि पर दिखायी इंसानियत, कमांडेंट ने मंत्री की उम्मीदों पर फेरा पानी…

द संडे व्यूज़ ने स्वीकार किया राजमणि का चैलेंज,खुलासा करते रहेंगे कमांडेंट के भ्रष्टाचार की गाथा…

कवाल टाउन में तैनात कमांडेंट दिन में देख रहा सपना: भोलेबाबा इस बार मुझे मिल जाये वाराणसी की कुर्सी…

मुझे मालूम है यहां आने के लिये कौन बेताब है,नाम नहीं बताऊंगा : कमांडेंट

 संजय पुरबिया।

लखनऊ। वाराणसी का ‘लेटर बम’ किसने दागा ? कौन है जो दिन में ही वाराणसी कमांडेंट बनने का हसीन सपना देख रहा है ? कौन है जिसके हांथ में कमांडेंट की कुर्सी आकर फिसल गयी थी ? आखिर वो कौन कमांडेंट है जिसने बेगुनाह हवलदार प्रशिक्षक,होमगार्डों के नाम से गुमनाम पत्र मुख्यमंत्री, होमगार्ड मंत्री,अपर प्रमुख सचिव,होमगार्ड को भेजकर अपना जबरदस्त दांव चला ? सवाल तो बहुतेरे हैं लेकिन खास बात ये है कि आखिर वाराणसी में कमांडेंट की ‘कुर्सी’ में ऐसी क्या खास बात है कि वहां आने के लिये कई कमांडेंट अपने-अपने ‘तरकश’ से ‘दे दना दन’ तीर चला रहे हैं ? क्या वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है,इसलिये लोग यहां तैनाती चाहते हैं या फिर अपने वसूलीमैनों के दम पर प्रति माह लाखों रुपये रुपये कमाकर साल के आखिर में करोड़पति बनने का…? बात जो भी, ब्यूरोकेसी भी बड़ी अजब चीज होती है,जितनी राजनीति बेचारे मंत्री और नेता नहीं करते उससे ज्यादा राजनीति उनके नौकरशाह करते हैं। महीना है मार्च का… और प्लानिंग हो रही है अप्रैल- मई की…। क्यों ? अरे साहेब, ट्रांसफर पॅालिसी जो आने वाला है…। बीते दिनों ‘द संडे व्यूज़‘ ने बनारस के कमांडेंट राजमणि के भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर प्रकाशित की थी। ‘वर्दी’ के ‘दंभ‘ में चूर राजमणि ने ‘द संडे व्यूज’ को ‘चैलेंज’ किया कि वो पाक और साफ हैं, बेहद ईमानदार हैं और एक चवन्नी की भी कोई गड़बड़ी नहीं करते हैं… उसके खिलाफ चाहे जितनी भी जांच करवा लें वो पाक और साफ ही निकलेगा…। और इसी बड़बोलेपन में राजमणि ने चैलेंज दे दिया कि अगर वो सही निकला तो ‘द संडे व्यूज’ दुबारा पत्रकारिता नही करेगा…।द संडे व्यूज़’ को ऐसे न जाने कितने लोगों ने चैलेंज किया मगर सूरज को भला कौन रोक सकता है ? सूरज तो रोज निकलते हैं,ठीक उसी तरह the sunday views भी डंके की चोट पर सभी के उम्मीदों को लेकर निकलता रहेगा…
‘द संडे व्यूज़’ ने भ्रष्ट कमांडेंट राजमणि का चैलंज स्वीकार कर लिया और अब बतायेंगे कि जिस कमांडेंट पर विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने इंसानियत दिखाते हुये वाराणसी में तैनाती दी,वो किस कदर भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा है। इतना ही नहीं,कमांडेंट के वसूली मैनों का असली चेहरा क्या है,इस पर भी बात करेंगे…।

वाराणसी में लेटर कांड के पूरे मामले की जड़ तक जाने पर एक के बाद एक परत खुलती गयी और कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये। ‘पुरबिया’ को पूरब से चैलेंज हो और पूरब वाले पुरबिया को न बताये, ऐसा भला कैसे हो सकता है…। खबर जो मिल रही है उसके हिसाब से शिकायत का एक- एक बिंदु सही है और पूरे साक्ष्यों के साथ है। आखिर शिकायत करने वाला भी तो कमांडेंट ही है! जी हां, आप चौंक गये होंगे। शिकायत करवाने वाला भी एक ‘कवाल टाउन’ का ही कमांडेंट है और चार साल पूरा होने पर ‘अपने घर’ के पास ‘भोलेबाबा की नगरी वाराणसी’ तैनाती पाने का दिन-रात सपना देख रहा है।

मुख्यालय के भरोसेमंद सूत्रों के हवाले से खबर तो ये भी मिल रही है ‘पिछले साल ही राजमणि को हटाने के लिये उनके ही एक सजातीय भाई ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था, मगर होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने राजमणि को बनारस से इन लिये नही हटाया क्योंकि एक सड़क दुर्घटना में राजमणि ने अपना बेटा खो दिया था’…।

एक तरफ मंत्री जी, जो मानवीय दृष्टिकोण रख रहे थे वहीं, दूसरी तरफ अधिकारी पॉलिटिक्स कर रहे थे। खैर, ये तो साफ है की शिकायत तथ्यों पर आधारित है और साथ ही राजमणि ने ‘ईमानदार बनने का जो ‘चैलेंज’ दिया है उसके मद्देनजर अभी कहानी लंबी चलेगी, क्योंकि ट्रांसफर का सीजन मई -जून तक जायेगा मगर सीजन से पहले ही कुछ लोग एक-दूसरे की कब्र खोद कर कमजोर करने में लगेंगे । चैलेंज देने के बाद कमांडेंट राजमणि सिंह ने यह भी बताया कि ‘मुझे मालूूम है कि वाराणसी की कुर्सी पाने के लिये कौन अधिकारी ये सब कर रहा है। जब सवाल दागा कि उस अधिकारी का नाम बतायें ताकि उसे भी प्रकाशित करुं,इस पर उन्होंने बात को घुमाकर पूरब से पश्चिम की तरफ कर दिया’।

बने रहिये ‘द संडे व्यूज़’ के साथ …

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