सबसे खतरनाक है वैचारिक प्रदूषण,जिससे जातिवाद,भाषावाद,क्षेत्रवाद का जहर घुल रहा है: वेदपाल सिंह चपराना
ईशान आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में मुख्य अतिथि के रुप में कमांडेंट छात्रों को ‘पर्यावरण-कारण एवं निवारण विषय पर सम्बोधित कर रहे थे
मेडिकलकॉलेज के संस्थापक,डॉयरेक्टर डी.के.गर्ग ने स्वरचित पुस्तक वेदपाल चपराना को भेंट की
प्रधानाचार्या डॉ. श्रीमती जसविंदर कौर ने कमांडेंट को तुलसी पौधा एवं स्मृति चिन्ह भेंंट की
संजय पुरबिया
गौतमबुद्धनगर। होमगार्ड विभाग में गौतमबुद्धनगर में तैनात कमांडेंट वेदपाल सिंह चपराना ने आज ईशान आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रदूषण के कितने दुष्प्रभाव हमारे जीवन,मन-मस्तिक पर पड़ रहे हैं। इंसान नई-नई बीमारियों के आगोश में समाता जा रहा है। इससे हमें बचने के लिये पर्यावरण की रक्षा करनी होगी और अधिकाधिक वृक्षों का रोपण कर धरती को हरियाली से भरना होगा,तभी हमाने नौनिहालों का भविष्य स्वस्थ एवं बेहतर रहेगा। श्री चपराना ‘पर्यावरण-कारण एवं निवारण’ विषय पर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान ईशान आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के संस्थापक,डॅायरेक्टर डॅा. डी.के. गर्ग ने जिला कमांडेंट को स्वरचित पुस्तक भेंट कर स्वागत किया। कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. श्रीमती जसविंदर कौर द्वारा कमांडेंट को तुलसी का पौधा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया गया।
इस अवसर पर वेदपाल सिंह चपराना ने मेडिकल कॉलेज के छात्रोंं को सम्बोधित करते हुये पर्यावरण एवं प्रदूषण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि किस तरह से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनी प्रदूषण मानवता के लिये हानिकारक है बल्कि इससे भी खतरनाक प्रदूषण वैचारिक प्रदूषण है, जिसके कारण दुनिया भर के लोग जातिवाद, भाषावाद, नस्लवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद व राष्ट्रवाद में बंटे हैं । श्री चपराना द्वारा बताया गया कि किस प्रकार प्रदूषण खतरनाक स्तर से मानवता को नष्ट कर रहा है। इसकी गम्भीरता से छात्रों को अवगत कराया तथा प्रर्यावरण प्रदूषणण से बचाने के दो उपाय भी बताये, जिसमें प्रथम उपाय वृक्षारोपण करके पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सकता है। वृक्षों में भी पीपल, बड, शीषम,आम, अमरूद, नीम, जामुन, अर्जुन, तुलसी आदि के रोपण पर विषेश बल दिया। इन पौधों के विस्तार से लाभ भी बताये।
इसके अतिरिक्त पर्यावरण को शुद्व करने का दूसरा तरीका यज्ञ के बारे में बताया। साथ ही यह भी बताया कि यज्ञ का अनुष्ठान धार्मिक नहीं है बल्कि इसका वैज्ञानिक फायदा भी मिलता है। श्री चपराना द्वारा बताया कि आम, पीपल, गुलर, जाण्ड, शमीक आदि पेड़ों की सूखी लकडिय़ों को अग्नि में जलाया जाये और उस जलती हुई अग्नि पर यदि एक तोला शुद्व देशी गाय का घी डाला जाये तो एक टन वायु शुद्व हो जाती है। जिसके अनेकों प्रमाण श्री चपराना द्वारा अपने व्याख्यान में प्रस्तुत किये गये। जिसमें भोपाल गैस काण्ड की घटना में प्रभावित लाखों लोगों के बीच एक यज्ञ करते हुये परिवार का सकुशल सुरक्षित बचना भी था।
इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के समस्त कर्मचारी एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद प्राधानाचार्या डॅा. श्रीमती जसविन्दर कौर ने अपना आभार व्यक्त करते हुये बताया कि जिस तरह की जानकारी जिला कमांडेंट वेदपाल सिंह चपराना द्वारा हमारे छात्र- छात्राओं को दी गयी है वो निश्चित रूप से सारगर्भित व विज्ञान की कसौटी पर सटीक है। इससे न केवल हमारे छात्र- छाात्राओं के जीवन में प्रेरणा व बदलाव आयेगा अपितु इस भूमण्डल पर छाये हुये पर्यावरण प्रदूषण के संकट से भी राहत मिलेगी।