बेगुनाहों के रियल हीरो बनें मंत्री धर्मवीर प्रजापति : जेल से रिहा होने के बाद बुलंदशहर के निरंकार शर्मा के परिजन मिले मंत्री से
निरंकार शर्मा परिवार के लिये आज कारागार मंत्री के आवास पर मिलना सपने सरीखा,मंत्री को तहे दिल से अदा किया शुक्रिया…
संजय पुरबिया
लखनऊ। हीरो किसे कहते हैं ? इस सवाल पर सभी यही कहेंगे कि जो हर असंभव काम को संभव कर दिखाये,जो अपने काम से अलग छाप छोड़ समाज में खूबसूरत संदेश देने में कामयाब हो,उसे ही हीरो कहते हैं…। यूपी सरकार के कारागार,होमगार्ड राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने एक ऐसे शख्स बंदी को जेल से रिहा कराया जिसे उम्रकैद की सजा सुना दी गयी थी। वो शख्स जेल की सलाखों में उम्रकैद की सजा भुगत रहा था। सजायाफ्ता कैदी की बेटियों से भला कौन ब्याह करता,समाज के ताने पूरा परिवार की नजरें झुका देता है और इस दंश को झेल रहा था बुलंदशहर में रहने वाले निरंकार शर्मा का परिवार…। निरंकार शर्मा हत्या के मामले में सजा काट रहे थे। परिवार निरंकार शर्मा को छुड़ाने के लिये न्यायालय का चक्कर काट रहे थे। किसी के सुझाव पर श्री शर्मा का परिवार 2023 में जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति से मिलकर अपना दर्द साझा किया कि उनके पिता के जेल में होने की वजह से बेटी की शादी नहीं हो पा रही है। उसी समय मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से बात करके समस्या का समाधान निकालेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 31 जनवरी को निरंकार शर्मा को रिहा कर दिया गया।
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आज सुबह निरंकार परिवार धन्यवाद ज्ञापित करने पहुंचा। पूरा परिवार मंत्री और मुख्यमंत्री की नेक-नियति की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहा था। परिवार भाव-विह्वïल था और मंत्री एक अभिभावक की तरह उन्हें आश्वासन देते दिखें कि सब ईश्वर की मर्जी…। बता दें कि कुछ दिन पहले मंत्री धर्मवीर प्रजापति के प्रयासों से निरंकार शर्मा जेल से रिहा हुये थे। पिता के उम्रकैद की सजा काटने के कारण बेटियों की शादी नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद परिवार के लोगों ने जेल मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पिता को छुड़वाने की गुहार लगायी। जेल मंत्री के प्रयासों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैदी की सजा माफ कर दी। जिसके बाद पिता को बेटियों की शादी के लिये जेल से रिहा कर दिया गया।
बुलंदशहर के रामनगर क्षेत्र के रहने वाले निरंकार शर्मा पर गढ़मुक्तेश्वर में एक हत्या के मामले में 1992 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद 2006 में उनको उम्र कैद की सजा हो गयी। पुलिस ने हत्या के आरोप में निरंकार शर्मा को जेल भेज दिया। जिसके बाद परिवार के लोग लगातार निरंकार शर्मा को छुड़ाने के लिये उच्च न्यायालय और जगह- जगह चक्कर काटे मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर परिवार के लोगों ने 2023 में जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति से पिता के जेल में होने के कारण बेटी की शादी ना होने की गुहार लगायी। जेल मंत्री ने आश्वासन दिया था कि वे मुख्यमंत्री से बात करके समस्या का समाधान करायेंगे। जिसके बाद निरंकार शर्मा ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या रखी। 31 जनवरी को मुख्यमंत्री के आदेश पर निरंकार शर्मा को रिहा कर दिया गया।