यूपीसीबी घोटाले को रोक कर बैंक का 146 करोड़ बचा कर एमडी वरूण मिश्रा बनें हीरो
भविष्य में दुबारा इस तरह की घटना ना हो इसके लिये होगी विभागीय जांच : जे.पी.एस.राठौर
संजय पुरबिया
लखनऊ। ये ‘यूपी‘ है…। यहां पर कब और कहां, कितना ‘बड़ा फ्राड‘ हो जाये,कोई नहीं जानता…। वैसे भी बसपा सरकार में घोटाले तो ढेरों हुये लेकिन भाजपा सरकार में भी उस दौर के घोटालेबाजों ने बाजी मार, डंके की चोट पर फ्राड को अंजाम देते चले आ रहे हैं। शुक्र है ‘गिद्ध की तरह चौकन्नी निगाह‘ रखने वाले अधिकारियों की जिनकी वजह से 146 करोड़ का फ्राड होते-होते बच गया…। नहीं तो…। जी हां,मैं बात कर रहा हूं (यूपीसीबी) उ.प्र.कोआपरेटिव बैंक की,जहां पर ऐसे एजेंसी के हांथों सुरक्षा का भार था,जो खुद ब्लैक लिस्टेट है। सोचिये,जब पहरेदार ही चोर हो तो डकैती डालने वालों के लिये किसी भी घटना को अंजाम देने में वक्त नहीं लगता। यदि बैंक के एमडी वरुण मिश्रा मुश्तैद नहीं होते तो इसमें कोई संदेह नहीं कि बैंक के भीतरघात कुछ अधिकारी 146 करोड़ लेकर चंपत हो गये होते। द संडे व्यूज़ का सवाल है जब किसी थाने में दारोगा किसी चोरी या डकै ती का खुलासा करता है तो संबंधित एसएसपी उसे सम्मानित करता है…क्या बैंक से जाने वाले 146 करोड़ रुपये को बचाने वाले एमडी वरुण मिश्रा और उनकी टीम को सरकार या शासन ने सम्मानित किया ? ये ठीक है कि बैंक की सुरक्षा देखने वाले एजेंसी स्टैंडर्ड वे इंटेलिजेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट कर उ.प्र. पूर्व सैनिक कल्याण निगम को जिम्मेदारी देने की तैयारी है लेकिन गुडवर्क करने वालों को तो यारों सम्मान मिलना चाहिये ताकि उनका मनोबल 56 इंच के सीना की तरह चौडिय़ा जाये…।
सहकारिता राज्यमंत्री जे.पी.एस. राठौर का कहना है कि बैंक में आरबीआई के मानकों के हिसाब से सिक्यॉरिटी सिस्टम हैं और उसी के चलते आरबीआई ने यूपीसीबी को नेटबैंकिंग का लाइसेंस दिया है। इसके बाद भी इस तरह की घटना चिंता का विषय है। भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके लिये विभागीय स्तर पर जांच करवाई जा रही है। जांच में जो भी लीक होल सामने आयेगेए उन्हें बंद करने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
सुरक्षा एजेंसी होगी ब्लैक लिस्टेड बैंक ने मुख्यालय की सुरक्षा देखने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। बैंक की सुरक्षा अब तक स्टैंडर्ड वे इंटेलिजेंस सिक्यॉरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के हाथ में थी। बैंक प्रबंधन के मुताबिकए अब बैंक की सुरक्षा का काम उप्र पूर्व सैनिक कल्याण निगम को दिए जाने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि इस मामले में बैंक के एमडी वरूण मिश्रा ने अशोक कुमार- महाप्रबंधक,वित्त, के. डी. पाठक- उप महाप्रबंधक, एनएडी, राजनाथ सिंह- सहायक महाप्रबंधक ,वित्त, विवेक सिंह- स्टाफ अफ सर,धु्रव कुमार- सहायक महाप्रबंधक,वित्त, विवेक सिंह- प्रबंधक, एनएडी, मेवालाल- प्रबंधक सामान्य, अजय कुमार- आरटीजीएस सेल के सहायक प्रबंधक अजय कुमार- कैशियर, विकास पांडेय और गार्ड विजय बहादुर मौर्य शामिल हैं।
कुछ भी हो,बैंक से उडऩ छू होने जा रहे 146 करोड़ को बचाकर एमडी वरुण मिश्रा तो हीरो बन गये हैं। अब देखना है कि सरकार और अवाम की रकम बचाने वाले सिंघम को शासन में बैठे प्रमुख सचिव सम्मानित करते हैं या फिर…।