कभी गांधी जी ने कहा था सबसे महत्वपूर्ण काम पत्रकारिता है,आज भी प्रिंट मीडिया की धमक है: राजेश्वर सिंह

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भारतीय नागरिक परिषद ने लोकतंत्र के ‘चौथे स्तंभ’ के 151 पत्रकारों को किया सम्मानित

विधायक राजेश्वर सिंह के बोल : सकारात्मक राजनीति कौशल सर से सीख रहा हूं…

केन्द्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर,वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन ने साझा किये अपने अनुभव

पत्रकारों के लिये शुरू हो पेंशन, बीमा योजना-राजेश्वर सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने दिये प्रशस्ति पत्र

संजय पुरबिया

लखनऊ। सरोजनीनगर के विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि ‘संघर्ष‘ और ‘समाज सेवा’ के प्रति जज्जा रखने वालों को ही पत्रकार कहा जाता है। जो समाज के बारे में सोचे और अपने ‘कलम’ से ‘अवाम की पीड़ा’ को सही ढंग से ‘उकेरे‘,उसे ही सही मायने में ‘कलमकार’ कहा जाता है। दो अक्टूबर यानि महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर पत्रकारों को सम्मानित करना गौरव की बात है। कहा कि पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं, आंधी, पानी, भीषण गर्मी में अपने ड्यूटी को अंजाम देने वाले पत्रकारों के लिये बीमा,सामाजिक सुरक्षा और मेडिकल इंश्योरेंस की व्यवस्था होनी चाहिये और इसके लिये मैं अपने स्तर से भी प्रयास करुंगा। वैसे भी ‘राजनीति’ में मैं नया हूं और सांसद ‘कौशल सर’ से खीख रहा हूं…।


विधायक राजेश्वर सिंह गांधी जयंती के अवसर पर सरोजनीरगर में ‘भारतीय नागरिक परिषद’ द्वारा पत्रकारों के सम्मान में आयोजित गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने परिषद की महामंत्री रीना त्रिपाठी के सराहनीय कार्य के लिये खूब प्रशंसा की। कहा कि रीना त्रिपाठी ने इस विशाल समारोह का आयोजन सरोजनीनगर क्षेत्र में कराकर ऐतिहासिक पल का दृश्य दिखा दिया। उन्होंने कहा कि देश के दो महान सपूतों की जन्मतिथि है, बापू व शास्त्री जी ने अपने ‘कर्म’ से ही नहीं बल्कि अपने ‘आचार’ और ‘विचार‘ से भारतवर्ष को ‘स्वावलंबी‘ और ‘शक्तिशाली‘ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इन दोनों में से एक यानी महात्मा गांधी तो स्वयं एक पत्रकार थे, जबकि लाल बहादुर शास्त्री भी पुरूषोत्तम दास टंडन के संपर्क में आकर समाचार पत्रों के प्रति आकर्षित हुये। यानी इसमें कोई संशय नहीं कि चाहे बड़ा- छोटा-मझोला- पाक्षिक या साप्ताहिक अखबारों हो,सभी की महत्ता हमारी देश की आजादी के दौर से लेकर आज बरकरार है।

कहा कि जब दुनिया युद्ध की विभीषिका के साये में थी तब शांति दूत बनकर उभरे महात्मा गांधी अहिंसा के सिद्धांत के प्रति समर्पित रहे। 8 अगस्त 1942 की शाम को मुंबई के ग्वालियर टैंक मैदान से देशवासियों के लिए करो या मरो का नारा दिया। अब यही मैदान अगस्त क्रांति मैदान कहलाता है। विधायक ने कहा कि अहिंसक संघर्ष को लेकर उनकी अपील ने देशवासियों पर जादुई असर किया। देश में हर तबके के लोग इस आंदोलन से जुड़े और उन्होंने निर्मम विदेशी शासन खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। कहा कि भारत से ब्रिटिश शासन की समाप्ति को लेकर महात्मा की अपील ने राष्टï्रीय पुनर्जागरण में अप्रत्याशित भूमिका निभायी।


राजेश्वर सिंह ने पत्रकारों के ‘सुरक्षा’ व ‘संरक्षा’ के मुद्दे को उठाते हुये कहा कि अन्य राज्य सरकारों को भी पूर्व में महाराष्ट्र की फणवीस सरकार की तरह पत्रकारों के लिये ‘पेंशन’, ‘बीमा’ की योजना लागू करनी चाहिये। कहा कि जिस तरह से ‘राष्ट्र‘, ‘समाज’, ‘प्रदेश’ और ‘हमारे परिवार‘ से जुड़े हर एक जनहित मुद्दे को पत्रकार बेबाकी से सरकार के समक्ष उठाते हैं, ऐसे में समाज का भी ये दायित्व है कि वो भी इनके संरक्षण में आगे बढ़कर आये।

श्री सिंह ने कहा कि जहां तक सरेाजनीनगर विधान सभा के विकास की बात है तो मेरी पूरी कोशिश है कि यहां की जनता को सभी तरह की जनसुविधायें मिले। राजनीति में नया हूं इसलिये सांसद कौशल किशोर ‘सर’ से कैसे काम करना है,इसके बारे में सीख रहा हूं…। इस दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री,सांसद कौशल किशोर,वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन मौजूद थे और 151 पत्रकारों को सम्मानि किया गया।

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