बिजनौर पुलिस पर मृतक के परिजनों का आरोप :पुलिस हत्या करने वालों से मिलकर ले ली है मोटी रकम…

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बिजनौर पुलिस का कारनामा: मृतक को घर से ले जाने वाले दोनों युवक को पुलिस ने उठाया फिर दामाद की तरह विदा कर दिया

मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है गहरा जख्म लेकिन पुलिस अड़ी एक्सीडेंटल केस बनाने में

योगी राज में बिजनौर की पुलिसिया आतंक से नहीं मिल पा रहा गरीबों को न्याय: अनिल कुमार

संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी से चंद किलो मीटर की दूरी पर बसे गांव माती,बिजनौर के रहने वाले श्रवन कुमार को गांव के ही रहने वाले विनोद कुमार यादव और मोहित शाम सात बजे बुलाकर ले जाते हैं…। रात साढ़े बारह बजे गांव में ही रहने वाले नन्हा का कॉल आता है कि श्रवन कुमार साईं भट्टा के पास बदहवाशी की हालत में पड़ा है। परिजन भाग कर जाते हैं और श्रवन कुमार को लोकबंधु हॉस्पिटल लेकर जाते हैं लेकिन डॅाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के घरवालों ने श्रवन को बाईक पर बिठाकर ले जाने वाले दोनों युवक विनोद यादव और मोहित के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिये बिजनौर थाने में तहरीर दी। चूंकि बिजनौर थाने की पुलिस भी लोकबंधु हॉस्पिटल तक साथ में थे और देखा कि मृतक श्रवन कुमार के जांघ में गहरे जख्म का निशान है… बावजूद इसके पुलिस अड़ी है कि ‘एक्सीडेंटल केस’ में मुकदमा दर्ज होगा ? क्यों? मृतक के भाई अनिल कुमार का कहना है कि यदि एक्सीडेंट हुआ होता तो शरीर में अन्य जगहों पर भी चोट के निशान होते लेकिन मेरे भाई श्रवन को सिर्फ जांघ में गहरा जख्म है। ऐसा प्रतित होता है कि उसे किसी धारदार हथियार से मारा गया है। कहा कि आखिर सब-इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह से जब भी दोनों युवक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात करते हैं तो वे कहते हैं कि कहो तो ‘एक्सीडेंटस केस’ बना दूं,हत्या तो कहीं से लगता नहीं…। मृतक के भाई ने बताया कि अपने भाई को इंसाफ दिलाने के लिये मैं सांसद,विधायक से लेकर पुलिस कमिश्नर तक गया लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुयी। सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला। हत्या हुये 15 दिन गुजर गये लेकिन बिजनौर इंस्पेक्टर राजकुमार एक्सीडेंटल केस बनाने का दबाव बना रहे हैं। आखिर हम गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा ?

 

पुलिस कमीश्नर को दिये गये शिकायती पत्र में मृतक के छोटे भाई सतीश कुमार ने लिखा है कि सतीश कुमार पुत्र स्व. राम प्रसाद ग्राम राय सिंहखेड़ा,माति,थाना बिजनौर का रहने वाला हूं। मेरे बड़े भाई श्रवन कुमार को गांव में रहने वाले विनोद कुमार यादव पुत्र श्याम लाल,मोहित पुत्र तिरपन गत 5 सितंबर 2022 की शाम सात बजे अपनी बाईक पर बिठाकर अपने साथ ले गये। लगभग रात 12.30 बजे गांव में ही रहने वाले नन्हा ने घर आकर बताया कि श्रवन कुमार गांव से थोड़ी दूर साईं भट्टा के पास बदहवाशी की हालत में पड़ा है। हमलोग वहां पहुंचे तो पुलिस पहुंच चुकी थी। घायल श्रवन को लेकर हमलोग लोकबंधु हॉस्पिटल गये तो वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। श्रवन के शरीर पर जांघ में गहरा जख्म दिख रहा था, बाकी शरीर में कहीं चोट का निशान नहीं दिखा। पीडि़त ने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि मृतक भाई के शरीर को देखकर ऐसा लगता है कि किसी ने उसकी कहीं हत्या कर भट्टे में लाकर डाल दिया हो। मेरे भाई को बाईक पर बिठाकर ले जाने वाले दोनों दोस्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाये।

मृतक के भाई अनिल कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने की बात पर बार-बार इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर एक्सीडेंट का केस दर्ज कराने की बात कहते हैं। जबकि घटना के बाद बिजनौर पुलिस ने विनोद यादव और मोहित को पकड़ कर थाने में 24 घंटे से अधिक समय तक हवालात में बिठाये रखा था,लेकिन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया और हमलोगों पर एक्सीडेंटल केस दर्ज कराने का दबाव डाल रही है। इसकी शिकायत सांसद और विधायक के यहां भी की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। अनिल ने कहा कि अब पुलिस और दोनों हत्यारों से हमारे परिवार की जान को खतरा महसूस होता है। यदि हमलेागों को कुछ होता है तो इसके लिये विनोद यादव,मोहित के साथ-साथ बिजनौर पुलिस पूरी तरह से जिम्मेदार होगी।

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