मंत्री धर्मवीर प्रजापति के जन्मदिन पर सामाजिक संस्था ने ‘दो कैदियों’ का अर्थदण्ड भर कर रिहा कराया

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मां दद्दू केक लाये हैं…

मंत्री धर्मवीर प्रजापति के जन्मदिन पर सामाजिक संस्था ने ‘दो कैदियों’ का अर्थदण्ड भर कर रिहा कराया

   अक्षत श्री.

लखनऊ। 12 जुलाई को होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। खासियत रही की शोबाजी से दूर मंत्री ने अपना पूरा दिन पूजा-अर्चन के साथ-साथ आगरा कारागार में बंदियों को मिठाई और नमकीन खिलाकर मनाया। जमीनी शख्सियत के रु प में पहचान बनाने वाले मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने आगरा कारागार में ही महिला बंदी की छोटी बिटिया राधिका का भी जन्मदिन मनाने पहुंच गये। फिर क्या था,जैसे ही कारागार में यह बात पहुंची की मंत्री जी राधिका बिटिया का जन्मदिन मनाने आ रहे हैं,जोरशोर से तैयारियां शुरु हो गयी। सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद, संपर्क संस्था ने मिलकर केक और मिठाई मंगायी गयी। राधिका नये कपड़े पहनकर तैयार थी और जैसे ही मंत्री जी बर्थडे की जगह पर पहुंचे,मासूम राधिका अपनी मां से बोल पड़ी… मां द्ददू आ रहे हैं…। पूरा माहौल खुशनुमा हो गया।

मंत्री जी ने राधिका बिटिया के साथ केक काटा और तोहफा दिया। मंत्री ने राधिका की मां को बुलाया। उन्होंने राधिका से कहा, अपनी मम्मा को केक खिलाओ और उसने मां का मुंह मिठा कराया। अपनी मासूम के हांथों केक खाते ही उसकी मां भाव-विह्वल हो गयी। बताया जाता है कि राधिका की मां की आंखों में खुशी के आंसू थे,उन्होंने कहा कि जेल में जब अपने मिलने नहीं आते,वहां मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने आकर मेरी बच्ची का जन्मदिन मनाया…। मेरी बेटी सौभाग्यशाली है। पूरा माहौल खुशी के साथ-साथ गमगीन हो गया…।

दूसरी तरफ एक सामाजिक संस्था ने मंत्री धर्मवीर प्रजापति के जन्मदिन पर मथुरा जेल में दो कैदियों का अर्थदण्ड जमाकर उन्हें जेल से रिहा कराने का नेक काम किया। इसी तरह,आगरा कारागार में मंत्री अखण्ड रामायाण का पाठ रखा गया जिसमें में द संडे व्यूज़ ने मंत्री धर्मवीर प्रजापति को जन्मदिन की बधाई देते हुये जानना चाहा कि जब कोई सत्ता में होता है तो वो अपना जन्मदिन राजसी ठाठबाट के साथ फाईव स्टार होटलों में बनाता है,फिर आप जेल में बंदियों और सामाजिक संस्थाओं के साथ मना रहे थे,क्यों ? इस पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि इस बार मेरा जन्मदिन एतिहासिक रहा क्योंकि जेल में बंद कैदियों के साथ मैंने अपना समय बिताया। सभी बेहद खुश थे और बोल रहे थे कि साहेब, हमलोग सोच भी नहीं सकते की कोई मंत्री अपना जन्मदिन हमलोगों के साथ मनायेगा…। सोच नहीं सकते की कोई मंत्री अपने हाथों से मिठाई और नमकीन खाने को देगा…।

उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर जेल में जब बंदियों को सम्बोधित कर रहा था तो एक कैदी जार-जार से रोने लगा तो मैंने उसे अपने पास बुलाया और ढ़ाढ़स बंधाया और पूछा क्यों रो रहे हो। इसी तरह,वहां मौजूद दर्जनों कैदियों की आंखों से आंसू बह रहे थे। श्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि जब जेल से बाहर जा रहा था तो मुस्लिम कैदियों ने मुझे रोक लिया दो बंदी मेरे पास आये और हाथ मिलाया। कैदियों ने कहा कि सर,आपने हमदोनों की दिल,दिमाग और आंखें खोल दी…। इसी तरह,लगभग सभी जेलों में सामाजिक संस्थाओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर मेरा जन्मदिन मनाया और दर्जनों जिलों में सामाजिक संस्थाओं ने रक्तदान किया। वाकई इस बार मेरा जन्मदिन एतिहासिक तौर पर मनाया गया।

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