शिवसेना किसकी ?

0
363
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे 245 लोग

महाराष्ट्र।महाराष्ट्र में शिवसेना पर नियंत्रण पाने की राजनीतिक लड़ाई और अधिक गहरा गई है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को प्रस्ताव पारित किया कि कोई भी अन्य राजनीतिक संगठन उसके नाम या उसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। असंतुष्ट विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों की ओर से अपने समूह का नाम शिवसेना बालासाहेब रखने के बाद यह प्रस्ताव पास हुआ।

शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आमतौर पर हर पांच साल में होती है, अगली बैठक 2023 के लिए निर्धारित है। शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिंदे के विद्रोह के बाद आपातकालीन बैठक बुलाई थी। शिंदे ने पार्टी को किस हद तक नुकसान पहुंचाया है, यह शनिवार की बैठक में शामिल हुए लोगों की घटती संख्या से स्पष्ट है। 2018 में पिछली कार्यकारी बैठक में 282 पदाधिकारियों ने भाग लिया था। शनिवार को सिर्फ 245 लोग ही मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here