सौ दिन बाद बनेगा सभी मंत्रियों का पहला रिपोर्ट कार्ड, सीएम योगी खुद करेंगे समीक्षा

0
324

ब्यूरो

लखनऊ । यूपी सरकार की कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को खुद प्रस्तुतीकरण करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूं ही नहीं दिया। असल में यह उसी कवायद का एक बिंदु मात्र है कि अब मंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति के सिर पर जवाबदेही का भी बोझ होगा। खास बात यह कि कौन कितना खरा उतरा, इसकी समीक्षा पांच बरस बीत जाने के बाद नहीं, बल्कि चरणवार होगी। विभाग के आधार पर मंत्रियों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ अगले सौ दिन बाद ही तैयार होना है।

त्ता में लगातार दूसरी बार वापसी का रिकार्ड 37 वर्ष बाद बना है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही ‘एक्शन मोड’ में नजर आ रहे हैं। शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही मंत्रियों की बैठक बुलाकर अपनी रीति-नीति उन्होंने समझा दी थी। यह भी साफ कह दिया कि मंत्रियों के कामकाज में उनके परिवार का हस्तक्षेप न रहे और अधीनस्थों पर भी नजर रखें।इसके अगले दिन ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाकर निर्देश दे दिए थे कि सौ दिन, छह माह, एक वर्ष के साथ वर्षवार पांच वर्ष के लक्ष्य निर्धारित कर लें। उसी के अनुसार काम होना चाहिए।

अब मंत्री या विभाग अपने काम को मील का पत्थर साबित कर पाएं या नहीं, लेकिन सीएम योगी ने परफार्मेंस (प्रदर्शन) को परखने के लिए पैमाना जरूर बना दिया है।सबसे पहली रिपोर्ट सौ दिन की तैयार की जाएगी। हर विभाग को निर्देश दिया गया है कि अपनी-अपनी कार्ययोजना बना लें। मुख्यमंत्री खुद कार्ययोजना देखेंगे और फिर निश्चित अंतराल पर उसकी समीक्षा भी करेंगे। ऐसे में कार्यभार संभालने के साथ ही सभी मंत्री भी अपने-अपने विभाग के लिए सौ दिन की कार्ययोजना बनवाने में जुट गए हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं चाहते कि मंत्री अपनी जवाबदेही से बच सकें, इसलिए एक निर्देश यह दिया है कि कैबिनेट में योजनाओं का प्रस्तुतीकरण मंत्री ही देंगे, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव सिर्फ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here