पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर
जनवरी के दूसरे सप्ताह में अधिसूचना जारी हो जाएगी
धनीष श्रीवास्तव
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के तूफानी दौरे पर हैं। यह लाजिमी भी है क्योंकि चुनाव किसी भी राज्य में हों भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में सबसे दमदार चेहरा मोदी ही माने जाते हैं। भाजपा के रणनीतिकार भी इसे बखूबी जानते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इसी वजह से भाजपा ने अगले एक महीने में प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ दौरे तय किए हैं। लक्ष्य है चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मुखातिब हो सकें और तमाम योजनाओं को आगे बढ़ा सकें।भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में शामिल एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित तौर पर एक बड़े नेता और गेमचेंजर साबित होंगे। यही वजह है कि चुनावी अधिसूचना जारी होने से पहले मोदी के ज्यादा से ज्यादा दौरे उत्तर प्रदेश में योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए तय किए गए हैं।
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना का लोकार्पण किया। दो दिन बाद 13 और 14 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने के लिए वे बनारस में रहेंगे। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिली जानकारी के मुताबिक 17 दिसंबर को बनारस में होने वाले महापौर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल रूप से संबोधित करेंगे। इसके अगले दिन 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने के लिए शाहजहांपुर पहुंचेंगे। अभी तक की तय योजना के मुताबिक 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री कानपुर में मेट्रो की सेवा की शुरुआत भी करेंगे। यह तो सभी कार्यक्रम दिसंबर में हैं।
भारतीय जनता पार्टी की रणनीति बनाने वाले केंद्रीय नेतृत्व के एक बड़े पदाधिकारी के मुताबिक अनुमान है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। ऐसे में कोशिश है कि अधिसूचना जारी होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुछ और ऐसे दौरे तय किए जा सके जिसमें योजनाओं का शिलान्यास और लोकर्पण शामिल हो। तय योजना के मुताबिक, जनवरी के पहले सप्ताह में बुंदेलखंड एक्सप्रेस का भी लोकार्पण होना है। उसके बाद अभी तक के तय कार्यक्रमों के मुताबिक जनवरी के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा की एक रैली प्रस्तावित है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। इसके अलावा चार अन्य कार्यक्रम भी जनवरी के दूसरे सप्ताह तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलग-अलग योजनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित हैं।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 सितंबर से लेकर अब तक 9 बार उत्तर प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी विकास की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करके लोगों में न सिर्फ डेवलपमेंट बल्कि भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक एजेंडे को भी फिट करने की पूरी कोशिश करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में सबसे पहले 14 सितंबर को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। उसके बाद 5 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया। 20 अक्टूबर को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। जबकि उसके 5 दिन बाद 25 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर से उन्होंने आठ मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। उसके बाद 16 नवंबर को उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का सुल्तानपुर में लोकार्पण किया। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश के चुनावों पर नजर रखने वाले प्रोफेसर रामनरेश त्यागी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिस तरीके से रैलियां और कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं उससे इन चुनावों की अहमियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वे कहते हैं आप इसको अगर दूसरे नजरिए से देखें तो सिर्फ चुनाव उत्तर प्रदेश में ही नहीं हो रहे हैं। चार अन्य राज्यों में भी चुनाव हो रहे हैं जिसमें पंजाब, उत्तराखंड और गोवा बहुत महत्वपूर्ण राज्य हैं। बावजूद इसके प्रधानमंत्री का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर है और सबसे ज्यादा रैलियां भी उनकी उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। राजनैतिक विश्लेषक प्रोफेसर जीडी शुक्ला कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतने दौरे और प्रस्तावित दौरे इस बात की तस्दीक करते हैं कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनावों में नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा चेहरा होंगे।