हाईकोर्ट के सूबे के 5 शहरों में लॉकडाउन के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची योगी सरकार

लखनऊ. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है. उत्तर प्रदेश में जबकि बीते 24 घंटों में कोरोना के 28,287 नए मामले सामने आने और 167 लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है. इस वजह से सूबे में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं भी चरमरा रही हैं, लेकिन इस बीच योगी सरकार (Yogi Government) ने साफ कर दिया है कि यूपी में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता. वहीं, सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के सूबे के 5 शहरों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाने के आदेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपना पक्ष दायर करेगी. इस बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता  CJI एसए बोबडे से जल्द सुनवाई की मांग करेंगे.

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है. सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है. लिहाजा यूपी के पांच बड़े शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा. अगर लोग खुद कई जगह बंदी कर रहे हैं, तो इसमें हमें कोई हर्ज नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस की लगातार तेजी को देखते हुए पांच शहरों में 26 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन का आदेश दिया था, जिसमें प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर शामिल हैं.न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने प्रदेश में पृथकता केन्द्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया. अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने आदेश के जरिए राज्य में पूर्ण लॉकडाउन नहीं थोप रही है.
पीठ ने कहा, ‘हमारा विचार है कि मौजूदा समय के परिदृश्य को देखते हुए यदि लोगों को उनके घरों से बाहर जाने से एक सप्ताह के लिए रोक दिया जाता है तो कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ी जा सकती है और इससे अगली पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को भी कुछ राहत मिलेगी.

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