150 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा : मास्टरमाइंड जल्दी-जल्दी बदलते थे फर्में, गिरफ्तार

हर घर से थोड़ा-बहुत लोहे का कबाड़ निकलता है पर आपको जानकर हैरत होगी कि यह कबाड़ अरबों रुपए के काले कारोबार का आधार है। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजी जीएसआई) की टीम ने कबाड़ की आड़ में हुए 150 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। करीब 95 लाख रुपए सीज किए गए हैं। टीम ने 24.14 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी है।

कबाड़ की आड़ में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सूचना जीएसटी की खुफिया एजेंसियों को मिल रही थी। मुखबिर की सूचना के बाद कानपुर और लखनऊ यूनिट के अफसरों ने कोयला नगर और उन्नाव के दो गोदामों पर छापेमारी कर दी। यह गोदाम हिंद ट्रेडर्स के नाम पर चल रहे थे। कबाड़ की सप्लाई गाजियाबाद और पंजाब की बड़ी स्टील कंपनियों को की जा रही थी।

बरामद दस्तावेजों की स्क्रूटनी में पाया गया कि हिन्दुस्तान ट्रेडर्स, भारत इंडस्ट्रीज और रिमझिम स्टील्स ने बिना सप्लाई के बिल-वाउचर प्राप्त किए। 150 करोड़ के बिल बनाकर इन फर्मों ने बिना टैक्स दिए 24.14 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया। यह फर्जीवाड़ा सिर्फ तीन माह के भीतर हुआ। अहम बात है कि मास्टरमाइंड जल्दी-जल्दी फर्में बदल लेते थे। हर फर्म से करोड़ों का कारोबार कर बंद कर दिया जाता था। कुल फर्जीवाड़ा 600 करोड़ से भी ज्यादा का होने के आसार हैं। गोदामों से करीब 100 टन माल बरामद किया गया है। कबाड़ इकट्ठा होते ही ट्रकों में भरकर भेज दिया जाता था। एक ट्रक 25 से 30 लाख रुपए में बेचा जा रहा था।

खुफिया एजेंसियों ने सगे भाइयों नूर आलम और मोहम्मद आसिफ को पकड़ा है। इन आरोपियों को खुफिया अधिकारी महज चेहरा मान रहे हैं, क्योंकि पकड़े गए लोग अगर मुख्य मास्टरमाइंड होते तो टैक्स की रकम का कुछ हिस्सा जरूर जमा कर देते। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे खेल के पीछे किसी फैजल खान का नाम आ रहा है। फिलहाल दोनों आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है।

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