लखनऊ – 3 जुलाई से चल रही प्रदेश में लेखपालों की हड़ताल लगातार जारी है। लेखपाल अपनी मांगों को लेकर लगातार अड़े हुए हैं और दूसरी तरफ सरकार लगातार लेखपालों पर दबाव बना रही है लेकिन लेखपाल है कि दबने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ऐसे में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के अब तक 900 से ज्यादा लेखपालों को निलंबित कर दिया साथ ही और 6000 से अधिक को निलंबन की नोटिस थमाई जा चुकी है। ये लगातार अपनी मांग पर अड़े हुए है और सरकार है कि मानने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि ग्रेड पे बढ़ाये जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर के लेखपाल 3 जुलाई से हड़ताल पर हैं, सरकार ने लेखपालों की मांग को एस्मा के तहत प्रतिबंधित कर दिया उधर, हड़ताली लेखपालों से मुख्य सचिव की 4 जुलाई को हुई वार्ता भी विफल हो गई थी। इसके बाद से ही लेखपालों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई जारी है। बता दें कि पूरे प्रदेश के 36000 लेखपाल हड़ताल पर है। जिसके चलते तहसीलों का काम रुका हुआ है। लेखपाल अपनी आठ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रदेश की सरकार है कि झुकने का नाम नहीं ले रही। दरअसल अगर पिछले कुछ महीनों के सरकार विरोधी आंदोलन या प्रदर्शन पर नजर डाले तो योगी सरकार का रवैया हमेशा दमनकारी ही रहा है। इस आंदोलन में भी सरकार का रवैया सख्त ही है। अब तक प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में लगभग 900 से ज्यादा लेखपालों को निलबिंत किया जा चुका है और 6000 से अधिक लेखपालो को निलंबन की नोटिस थमाई जा चुकी है। वहीं लेखपाल संघ भी अब सरकार के आगे झुकने को तैयार नही हैं।
इन जिलों में इतने लेखपाल पर हुई कार्रवाई
बरेली – 23 लेखपाल सस्पेंड, 157 की बर्खास्तगी
फैजाबाद – धरना दे रहे जिले के 10 लेखपाल निलंबित, पांचों तहसील के दो-दो लेखपाल निलंबित
बहराइच – 314 लेखपालों को नोटिस जारी, 99 लेखपालों को बर्खास्त करने की नोटिस
रायबरेली – धरने पर बैठे 9 लेखपाल सस्पेंड, 189 नये लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस
अलीगढ – लेखपाल संघ के 25 पदाधिकारी निलंबित, और 94 अस्थाई लेखपाल बर्खास्त
शाहजहांपुर – 24 लेखपाल निलंबित, लेखपाल जिला अध्यक्ष तहसील अध्यक्षों सहित 19 के खिलाफ दर्ज की गई FIR , 501 लेखपालों को ब्रेकिंग सर्विस का दिया गया नोटिस।
लेखपालों की ये हैं मांगे –
वेतन उच्चीकरण
वेतन विसंगति
पदोन्नति के अवसर
लैपटॉप तथा स्मार्टफोन उपलब्ध कराना
भत्तों में वृद्धि
राजस्व निरीक्षक नियमावली पारित करने,
पेंशन विसंगति दूर करने
आधारभूत सुविधाओं व संसाधन उपलब्ध कराने की मांग