यूपी पुलिस की प्रताड़ना के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। नया मामला जालौन का है। यहां पुलिस प्रताड़ना से परेशान एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना से पूरे घर में कोहराम मच गया। जानकारी मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने जब मोर्चरी में शव को देखा तो उसकी आंखें गायब थीं। इसके बाद परिजनों ने शव को बीच सड़क पर रखकर जाम लगा दिया, हंगामे की सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा और उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया।
मृतक की बहन सोनिया का आरोप है कि उसके भाई की आंखों को मोर्चरी से निकाल ली गई हैं। यह स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही है, जबकि जालौन की CMO ऊषा का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है कि आंखें कैसे गायब हुई हैं? मोर्चरी में बड़े-बड़े चूहे हैं। हो सकता है कि चूहों ने शव की आंखें कुतर दी हों।
पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
मामला उरई कोतवाली क्षेत्र के इंदिरा नगर का है, यहां के रहने वाले विनय रायकवार को 21 अप्रैल को उरई कोतवाली के मंडी चौकी प्रभारी अभिषेक कुमार ने 3/25 आर्म्स एक्ट में पकड़कर जेल भेज दिया था। उसकी मां गुड्डन ने जैसे-तैसे उसे जमानत पर छुड़ाया था। परिजनों का आरोप है कि जमानत पर छूटने के बाद जब विनय घर पर रह रहा था, तब मंडी चौकी प्रभारी अभिषेक लगातार घर आकर उसे परेशान करते रहते थे। उसे फिर से केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी जाने लगी, जिससे आहत होकर विनय ने शुक्रवार की रात में घर पर फंदे से झूलकर जान दे दी। वहीं मृतक की मां गुड्डन ने उरई SP ऑफिस पहुंचकर धरना देते हुए अधिकारियों को इस मामले में शिकायती पत्र दिया।
ASP ने CO को सौंपी जांच
जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह का कहना है कि 21 अप्रैल को विनय रायकवार उर्फ महाकाल को झांसी रोड पर एक तमंचा, तीन कारतूस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद वह छूट कर आया तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी, उन्होंने बताया कि परिजनों ने पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिसकी जांच उन्होंने उरई CO संतोष कुमार को दी है, जांच में जो सामने आएगा उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।