राज्यपाल से मिला सिटी मान्टेसरी स्कूल के छात्रों का दल

राज्यपाल से मिला सिटी मान्टेसरी स्कूल के छात्रों का दल
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र संघ जा रहा है यह दल
प्रधानमंत्री  मोदी ने योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई – राज्यपाल

लखनऊ: 8 मई, 2018

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 198 देशों ने योग को मान्यता दी है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने हमारे योग के महत्व को समझा तथा उसे मान्यता प्रदान की है। राज्यपाल ने कहा कि योग से हमारा शरीर एवं मन दोनों स्वस्थ रहता है।
राज्यपाल  राम नाईक आज राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित होने वाले योग शिविर में प्रतिभाग करने वाले सिटी मान्टेसरी स्कूल के छात्रों से मुलाकात के दौरान उक्त विचार व्यक्त किये। उन्होंने बच्चों से कहा कि यह आपका सौभाग्य है कि आपको संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा योग दिवस पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि आप लोग वहाँ भारत के राजदूत बनकर जा रहे हैं। आपको वहां पर भारत के योग का संदेश देना है। आपका व्यवहार भारत के अनुसार होना चाहिए। राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि दुनियाँ के लिए योग एक आश्चर्यजनक चीज है। भारत की इस अति प्राचीन स्वास्थ्य कला को ही दिखाने आप वहाँ जा रहे हैं।
राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि आप अपने छात्र धर्म का पालन करिये। उन्होंने कहा कि यहाँ धर्म का अर्थ हिन्दू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई से नही है बल्कि छात्र धर्म का मतलब कर्तव्य से है। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि राम ने पुत्र धर्म, लक्ष्मण ने भाई धर्म तथा सीताजी ने पत्नी धर्म का पालन किया था। उन्होंने बच्चों से कहा कि सिर्फ आप किताबी कीड़ा न बने। स्वस्थ रहने के लिए खेल भी आवश्यक है। खेलने से शरीर के साथ-साथ मन भी स्वस्थ रहता है।
नाईक ने बच्चों को संदेश दिया कि अच्छा नागरिक बनने के साथ ही अपने व्यक्तित्व का विकास भी करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुये कहा कि सदैव मुस्कराते रहना चाहिए, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करिये और उन्हें आत्मसात करिये, किसी की अवमानना न करें और किसी भी कार्य को और अच्छा करने की कोशिश करिये।
राज्यपाल ने बच्चों को एतरेय ब्राह्मण उपनिषद के श्लोक का अर्थ बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा चलते रहना चाहिए। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का अर्थ बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति बैठा रहता है उसका भाग्य बैठे रहता है। जो सोता है उसका भाग्य भी सोता रहता है तथा जो चलता रहता है उसका भाग्य भी हमेशा चलता रहता है। इसलिए सदैव चलते रहो-चलते रहो।
सिटी मान्टेसरी स्कूल के संस्थापक  जगदीश गांधी ने कहा कि योग आत्मा का परमात्मा से मिलने का साधन है। योग हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है। योग से व्यक्ति दीर्घ आयु तक निरोग रहता है। श्री गांधी ने छात्रों से राज्यपाल के मूल मंत्र ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे जीवन में सफलता मिलती है।

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