शरीयत कोर्ट की तर्ज पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने बनाई ‘हिंदू कोर्ट’, हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

मेरठ – मुस्लिमों में शरीयत कोर्ट की तर्ज पर अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने देश में पहले हिंदू कोर्ट की स्थापना की। महासभा ने इस कोर्ट की स्थापना 15 अगस्त के मौके पर मेरठ में की, गुजरात के द्वारिका में मुरली आश्रम की महन्त पूजानन्द गिरि उर्फ डॉ0 पूजा शकुन पांडेय को इस न्यायपीठ का पहला चीफ जस्टिस बनाया गया है, शरिया अदालत के मुकाबले में स्थापित इस अदालत की सुनवाई में खाप पंचायत की तरह मौत की सजा देने का भी प्रावधान रखा गया है। बता दें कि इस कोर्ट की स्थापना हिंदू धर्म से जुड़े मामलों के निपटारे के उद्देश्य से की गई है, इसमें दारुल कजा यानि शरीयत कोर्ट की ही तरह फैसले सुनाए जाएंगे और यहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

लेकिन दूसरी तरफ अखिल भारत हिंदू महासभा की न्यायपीठ पर हाईकोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है और मामले पर जबाब मांगा है स्वतन्त्रता दिवस को शोक दिवस मनाने वाली महासभा ने 15 अगस्त को मेरठ में हिंदू न्यायपीठ की स्थापना की थी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा को अपना आदर्श मानने वाली अखिल भारत हिंदू महासभा ने मेरठ में हिंदुओं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए संविधान को ताक पर रखकर न्यायपीठ की स्थापना की है, न्यायपीठ की चीफ जस्टिस की कुर्सी पर डॉ0 पूजा शकुन पांडेय की नियुक्ति की गई है जिन्होने खुद को सन्यासिनी और गुजरात द्वारिका स्थित मुरली आश्रम की महन्त बताया है। पूजा शकुन पांडेय का कहना है कि महात्मा गांधी को देश का राष्ट्रपिता कहलाने का अधिकार नही है, अगर वह खुद गोडसे से पहले पैदा हुई होती तो वह खुद महात्मा गांधी की हत्या कर देतीं, पांडेय ने कहा कि मुसलमानों की शरिया अदालतों की तरह महासभा की लंबे समय से सरकार से मांग थी कि त्वरित न्याय के लिए हिंदुओं के लिए भी धार्मिक न्यायपीठ का प्रावधान होना चाहिए। इस अदालत में हिंदुओं के घरेलू मामलों के अलावा सामाजिक मामले भी सुने जायेंगे।

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