बुलन्दशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर के पैतृक गाँव में पसरा मातम,किसी भी घर में नहीं जला चूल्हा

एटा–बुलन्दशहर में गौकशी के बाद हुए बवाल और हिंसा में स्याना कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के बाद उनके पैतृक गॉंव एटा के तरिगवां मे मातम का माहौल है।

वही जब शहीद सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गॉव में मीडिया की टीम उनके गाँव तरिगवा पहुंचे तो पूरे गॉंव में गमगीन माहौल में लोग वहॉं नजर आये। अपने शेर दिल अजीज को खो देने का जहॉं उन्हे गम था वहीं उन्हें इस बात का भी फख्र था कि उनके लाल ने अपने कर्तव्य की खातिर खुद को देश पर कुर्बान कर दिया। उनके गॉव के लोगों का मानना था कि मुख्यमंत्री ने अपने नायाब हीरे को खो दिया जो अपने कर्तव्यों की खातिर शहीद हो गया लेकिन उन्हें उनके शहीद लाल की इस बात की चिन्ता भी नजर आई कि अब उनके बच्चों का क्या होगा उन्होंने अपने पीछे 20 वर्ष का बड़ा बेटा सरोज और 17 बर्षीय दूसरा छोटा बेटा सोनू को छोड़ा है। एटा के तरिगवा गॉंव में उनके लाल के शहीद होने की सूचना के बाद उनके परिजन बुलन्दशहर के लिये रवाना हो गये। अपने शेरवीर लाल को खोने का रंजोगम जहॉं ग्रामवासियों में था वहीं उनके परिवार की चिन्ता भी उन्हे सता रही थी और मुख्यमंत्री से ग्रामीणों को ये आस है कि गम की इस घड़ी में वो उनके परिवार के साथ होगें।

वही जब जाँबाज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह राठौर के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके पैतृक गाँव जनपद एटा में स्थित गाँव तरिगमा में पता चला तो एक पल के लिए मानो उनके गाँव और परिवार के सदस्यों में जैसे सांसें थम गई हो और उन्हें यकीन नही हो रहा था कि उनके परिवार का जाँबाज बेटा,या किसी का भाई अब इस दुनिया मे नही रहा। गाँव ही नही बल्कि आसपास के गांवों के लोगों को जब इस दुःखद खबर का पता चला तो मानो उन पर पहाड़ से टूट पड़ा हो। हर कोई इस जाँबाज इंस्पेक्टर के बहादुरी के किस्से अपने,अपने तरीके से बया करता दिख रहा है।

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