यू.पी. के बुलंदशहर जिले में गोकशी के बाद हुए बवाल में भड़की हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजन प्रशासन से खफा दिखे। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के छोटे बेटे अभिषेक ने नाराजगी जताई कि पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि के दौरान उसके शहीद पिता के शव को तिरंगे से नहीं लपेटा गया। अभिषेक ने यह भी कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवाद में मेरे पिता ने अपनी जान गंवा दी
शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के चाचा ने भी बेहद प्रशासन से खफा दिखे और नाराजगी जताते हुए बोले कि सुबोध को जब गोली लगी तब उसके साथ कोई नहीं था। पुलिस मिली हुई है। ड्राइवर सारी बात जानता है। हमें 40 लाख रुपये नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मिलने आएं । परिजनो ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का स्मारक उसके पैतृक गांव में बनाया जाए।
झात हो कि कल गोकशी के बाद हुए बवाल में हमलावर भीड़ ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया था। और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल छीनकर उनके सिर में गोली मार दी थी। हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन इसलिए किया गया ताकि जांच में यह पता चल सके कि हिंसा किस कारण हुई और किस कारण से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को पुलिस अधिकारी अकेला छोड़कर भाग खडे हुए । इस घटना में पुलिस ने अबतक कुल 27 लोगो को नामजद किया और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया