गिरफ्तारी के बाद अपने बयान से पलटा अभिषेक गुप्ता, जांच में मुख्य सचिव ने प्रमुख को दी क्लीन चिट

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर रिश्वत लेने का आरोप लगाने वाला अभिषेक गुप्ता देर शाम अपने आरोप से मुकर गया,

सीएम योगी के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर घूस मांगने का आरोप लगाने वाले मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। अधिकारी पर आरोप लगाने वाले शख्स अभिषेक गुप्ता ने पुलिस के सामने बयान देते हुए ये स्वीकार किया है कि उसने एसपी गोयल पर गलत आरोप लगाया था क्योंकि वो फाइल निरस्त होने से तनाव में था। उसने लिखित माफीनामा में हस्ताक्षर करते हुए प्रमुख सचिव पर लगाए गए अपने आरोप वापस ले लिए, माफीनामा अभिषेक के नाना ओम प्रकाश गुप्ता की ओर से दिया गया है। माफीनामा में अभिषेक के नाना ने उसकी मानसिक स्थित ठीक न होने का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे नाती ने एक करोड़ का लोन ले रखा है, जिसकी एक लाख रुपए महीना किस्त आ रही है। हरदोई रोड स्थित पेट्रोल पंप के सामने की जमीन को विनिमय करने की पत्रावली शासन की ओर से निरस्त होने की वजह से अभिषेक की मानसिक स्थित खराब हो गई। इसी बौखलाहट में उसने प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पत्रावली पास कराने के लिए 25 लाख रुपए मांगने का गलत आरोप लगा दिया।

वहीं मुख्यमंत्री ने मामले की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार दी थी जिसमें प्रमुख सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर लगे आरोप को गलत ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट में एसपी गोयल को क्लीन चिट दे दी है। यह जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार की देर शाम दी। प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक मुख्यमंत्री ने इस पत्र का संज्ञान लेकर मुख्य सचिव से इस मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अभिषेक गुप्ता के जमीन के परिवर्तन का मामला निरस्त होना परीक्षण में सही पाया गया। यानी प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री का फैसला अपनी जगह सही है।

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