लखनऊ के सिविल कोर्ट में चलीं गोलियां,वकीलों के दो गुटों में हुई जमकर मारपीट

लखनऊ–लखनऊ के सिविल कोर्ट परिसर में बुधवार को ताबड़तोड़ फायरिंग से सनसनी फैल गई। वकीलों के दो गुटों में हुई जमकर मारपीट के दौरान गोलियां चलने से करीब दो घंटे तक सन्नाटा पसरा रहा।

इंस्पेक्टर के मुताबिक इलाहाबाद निवासी जावेद की बहन की शादी अधिवक्ता मशरूर अहमद के भाई सरूर अहमद के साथ 2013 में हुई थी। शादी के बाद विवाद के चलते बहन मायके चली गई और ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। इसी केस की पैरवी में वह सिविल कोर्ट आए थे। दोपहर करीब तीन बजे जावेद अपने वकील मधुकर मिश्रा के चैम्बर में बैठे थे। आरोप है कि इसी दौरान मशरूर अपने आठ-दस अज्ञात साथियों के साथ पहुंचे और जावेद को चेंबर से बाहर खींचकर पीटने लगे। मधुकर और उनके सहयोगी वकीलों ने बचाने का प्रयास किया तो हमलवारों ने ताबड़तोड़ हवाई फायरिंग शुरू कर दी।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि करीब दस मिनट तक दोनों पक्षों से हवा में गोलियां चलाई जाती रहीं। इससे कचहरी में अफरा-तफरी मच गई। तमाम वकीलों और पुलिसवालों की मौजूदगी में सिविल कोर्ट परिसर में हुई गुंडई के चलते कई वकीलों ने चेंबर छोड़ दिया और पैरवी में आए लोगों में भगदड़ मच गई। थोड़ी ही देर में परिसर में सन्नाटा पसर गया, लेकिन मशरूर और उनके सहयोगी जावेद को पीटते ही रहे।

मधुकर के पक्ष में खड़े वकीलों ने किसी तरह जावेद को एक जाली वाले चेंबर में बंद करके उनकी जान बचाई और 100 नंबर पर सूचना दी गई। पुलिस पहुंची तो जावेद को वजीरगंज कोतवाली ले जाया गया, लेकिन मौके पर खड़े हमलावरों को हाथ लगाने की हिम्मत किसी पुलिस वाले की नहीं हुई। थोड़ी देर बाद मधुकर और मशरूर भी थाने पहुंचे। दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट और अज्ञात साथियों की मदद से फायरिंग करने का आरोप लगाकर तहरीर दी। इंस्पेक्टर का कहना है कि मधुकर की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मशरूर की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है।

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