टूरिज्म हब के रूप में डेवलप हुआ है वाराणसी का सारनाथ

वाराणसी में सारनाथ का प्राचीन काल से न सिर्फ धार्मिक महत्व रहा है बल्कि इसका पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्व रहा है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान एक तीर्थ से कम नही है। तभी तो सारनाथ रिलिजियस टूरिस्म के लिए महत्व पूर्ण होने की वजह से ही पूरी दुनिया में एक तीर्थ के रूप में विख्यात है।
सारनाथ का महत्व बौद्ध धर्म में प्रथम धर्म चक्र प्रवर्तन के कारण ही एक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हुआ है।इसीलिए पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।
जब महात्मा बुद्ध को गया में ज्ञान प्राप्त हुआ था उसके बाद उन्होंने जिन पांच अनुयायियों को प्रथम उपदेश दिया था उसे प्रथम धर्म चक्र प्रवर्तन कहा गया । महात्मा बुद्ध द्वारा दिये गए यही के ज्ञान के बाद बुध धर्म पूरी दुनिया में फैल गया।

कभी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा यह केंद्र अब टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है ।
सारनाथ में धार्मिक दृष्टि से तो घूमने की जगह है ही साथ ही इसका विकास भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का कर दिया गया है। यही कारण है कि विदेर्शी पर्यटको के लिए तो यह जगह महत्व की तो है ही साथ ही डोमेस्टिक टूरिस्टों को भी यह जगह खूब आकर्षित करने लगी है। विदेशो से आने वाले टूरिस्टों में वर्मा ,भूटान,तिब्बत, चीन, जावा ,सुमात्रा, कंबोडिया,जापान ,सहित ऐसे दर्जनों देश है जहां से पर्यटक भारी मात्रा में यहां आते है ।और यहां की मिट्टी का तिलक करके अपना सौभाग्य बढ़ाते हैं। यही कारण है कि टूरिज्म के पटल पर सारनाथ का अपना एक अलग ही स्थान बन गया है।

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