सबसे ज्यादा अविवाहित इस्तेमाल कर रहे हैं कॉन्डम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक सर्वे किया जिसमें ये पता किया कि आज के कॉडम का प्रयोग सबसे ज्यादा कौन कर रहा। सर्वे में आए नतीजे चौकाने वाला था जिसमें ये सामने निकलकर आया कि आज के समय में अविवाहित और सेक्सुअल एक्टिव महिलाएं सेक्स के दौरान सेफ्टी को महत्व दे रहीं हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के मुताबिक पिछले 10 साल में कॉन्डम का इस्तेमाल 2 फीसदी से 12 फीसदी बढ़ गया है। सर्वे के मुताबिक ये महिलाएं 15 से 49 साल उम्र के बीच होती है। हालांकि, 20 से 24 साल की सेक्शुअली एक्टिव अविवाहित लड़कियों के बीच कॉन्डम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

ज्यादातर पुरुषों ने सर्वे में कहा कि गर्भनिरोध की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है। इस सर्वे से साफ जाहिर हो रहा है कि अविवाहित सेक्शुअल एक्टिव महिलाएं सेफ्टी को ज्यादा महत्व देने लगी हैं। एक अच्छी खबर यह भी है कि इन अविवाहित महिलाओं के अलावा 99 फीसदी शादीशुदा महिलाओं और पुरुषों को गर्भनिरोधक की कम से कम एक तरीके से जानकारी जरूरी है। वहीं 15 से 49 साल के बीच की शादीशुदा महिलाओं के बीच कॉन्ट्रसेप्टिव प्रिवलेंस रेट यानी गर्भनिरोधक प्रचार दर महज 54 फीसदी है। इनमें शामिल 10 फीसदी महिलाओं को आधुनिक तरीके से गर्भनिरोधक की जानकारी है। इन तरीकों में कॉन्डम, गर्भनिरोधक गोलियां और नसबंदी शामिल है। सर्वे में लोगों ने बताया कि गर्भनिरोध के इन तरीकों में शामिल कॉन्डम पर वे ज्यादा भरोसा करते हैं। कॉन्डम से लेकर अन्य गर्भनिरोधक तरीके अपनाने वाले राज्यों में पंजाब सबसे आगे है। मणिपुर, बिहार और मेघालय में सबसे कम गर्भनिरोध के तरीकों का इस्तेमाल होता है, जहां 24 फीसदी आंकड़ा रहा है, जबकि पंजाब में ये 76 फीसदी रहा है।

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